बोर्ड के कुप्रबंधन के कारण कर्मचारियों को वेतन के पड़े लाले

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

यूनियन के प्रदेश महासचिव हीरा लाल वर्मा ने नुरपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार और बोर्ड प्रबन्धन पर जमकर गुब्बार निकाला। उन्होंने कहा कि बोर्ड जिस दयनीय स्थिति में पहुंचा है उसके पीछे सरकार और बोर्ड प्रबन्धन जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड के कुप्रबंधन के कारण जनवरी माह में कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके वेतन और पेंशन के लाले पड़ गए थे। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग को चार परियोजनाऐं मिली थी लेकिन अभी तक उनका कार्य आरंभ नहीं हुआ जबकि उन परियोजनाओं की फारेस्ट क्लीयरिंग और भूमि अधिग्रहण भी हो चुका है।

 

उन्होंने कहा कि बोर्ड मैनेजमेंट ट्रेडिंग के लिए नई कम्पनी को लेकर आ रहा है। इसमें स्मार्ट मीटरिंग प्लानिंग पर काम होगा जो 3200 करोड़ का प्रोजेक्ट है। इससे उपभोक्ताओं को भारी भरकम बिजली बिल का बोझ पड़ेगा। हीरा लाल वर्मा ने कहा कि यही स्मार्ट मीटरिंग योजना महाराष्ट्र में भी है जहां अब 19 रुपये दर के हिसाब से बिल आ रहा है।उन्होंने इस योजना को निरर्थक बताया। उन्होंने बोर्ड के प्रबंधन हरिकेश मीणा पर बोर्ड को तहस नहस करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि उनके एक वर्ष के कुप्रबंधन के कारण आज बिजली बोर्ड रसातल पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों के 200 करोड़ के बकाया बिल क्लेम है जो आज तक क्लियर नहीं हो पाए।

 

उन्होंने 125 यूनिट फ़्री बिजली पर भी सवाल उठाए और कहा कि इससे बोर्ड को हर वर्ष 1200 करोड़ का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि फ्री बिजली देने से बेहतर है कि बोर्ड उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा प्रदान करे। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के 12000 कर्मचारी फ्री बिजली छोड़ रहे है क्योंकि जो हजारों- लाखों रुपए का वेतन ले रहे है। उन्हें बिजली बिल की अदायगी करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उसी तर्ज पर जो साधन संपन्न परिवार है उन्हें फ़्री बिजली नहीं दी जानी चाहिए बल्कि बिजली बोर्ड के ढांचे को मजबूर करना चाहिए।

संवाददाताः विनय महाजन

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