मंडी की ग्राम पंचायत ‘शाला’ बोले तो…मनरेगा की पाठशाला

उमेश भारद्वाज। मंडी
 मंडी जिला के गोहर ब्लॉक की ग्राम पंचायत ‘शाला’ मनरेगा में किए अपने अदभुत कार्यों के बूते दूसरी पंचायतों के लिए विकास की मिसाल बन गई है। पंचायत ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना में साल 2019-20 में रेकॉर्ड 5 करोड़ रुपये से अधिक के काम किए हैं। इससे भी अनूठी बात यह है कि इन पैसों से मनरेगा में जनहित के ऐसे कार्य किए गए हैं जो दूसरों के लिए उदाहरण सरीखे हैं। पंचायत ने मनरेगा में लीक से हटकर विविध काम करने की वृहद ‘रेंज’ दिखाई है। पंचायत में मनरेगा में किए गए अनूठे कार्यों-अभिनव पहलों को देखने-समझने प्रदेशभर से लोग यहां आ रहे हैं। ग्राम पंचायत शाला की बेमिसाल कार्यशैली के कारण पंचायत के जिक्र के साथ एक बात लोगों की आम बालेचाल में आ  गई — ‘ग्राम पंचायत ‘शाला’ बोले तो…मनरेगा की पाठशाला ।’
  • बड़ादेव कमरूनाग मंदिर के लिए 16 किलोमीटर सड़क
रोहांडा धार पर स्थित मंडी जनपद के बड़ादेव कमरूनाग के मंदिर में अभी तक केवल पैदल चल कर ही पहुंचना संभव था। इस यात्रा की दुर्गमता के कारण कई श्रद्धालुओं के लिए बड़ादेव के दर पर पहुंचकर माथा टेकना बस एक सपना ही था। लेकिन शाला पंचायत ने मनरेगा में इस मंदिर के लिए 16 किलोमीटर लंबी सड़क बना कर न केवल हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की मन की मुराद पूरी की है, बल्कि मनरेगा में लीक से हटकर विविध काम करने की ‘रेंज’ का भी उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। पंचायत ने 2.88 करोड़ रुपये से बनाई इस सड़क का नाम आध्यात्मिक मार्ग रखा है। इस मार्ग को मनरेगा में 7 किलोमीटर तक पक्का भी किया चुका है, शेष का काम जारी है।
  • पुल का निर्माण
शाला पंचायत ने मनरेगा में पुल के निर्माण को दुरूह कार्य मानने की कई पंचायतों की सोच में भी बड़ा बदलाव लाया है। पंचायत में करीब 28 लाख रुपये से बनाया गया 86 मीटर लंबा मोटर योग्य पुल ज्यूणी सेतु अपने आप में कामकाज की पुरानी सोच व शैली में परिवर्तनकारी पहल है। इससे क्षेत्र के 700 लोग लाभान्वित हुए हैं।
  • मनरेगा से पर्यटन को पंख
शाला पंचायत में इको टूरिज्म डेस्टिनेशन बनने की अपार संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को निखारने में पंचायत ने मनरेगा पर्यटन के कॉंसेप्ट को नया आयाम दिया है। पंचायत में पर्यटन स्थलों के विकास के साथ ही पर्यटकों के ठहरने की अच्छी सुविधा विकसित करने पर ध्यान दिया गया है। पंचायत में मनरेगा के तहत बनाया गया विश्राम गृह पर्यटकों के ठहरने के लिए एकदम उपयुक्त जगह है। चार सैट का यह विश्राम गृह किसी तीन सितारा होटल को भी मात देता है। 85 लाख से बने इस भवन के ऊपरी तल पर विश्राम गृह है, वहीं नीचे के तल पर पंचायत घर और एक बड़ा सभागार बनाया गया है।
  • विकास को नए आयाम
ग्राम पंचायत शाला के प्रधान राज कुमार ठाकुर बताते हैं कि मनरेगा के कामों को लेकर पंचायत में लोगों का व्यापक सहयोग मिला।
मनरेगा पर्यटन के कॉंसेप्ट को नया आयाम देने के साथ साथ हर मनरेगा के साथ अन्य योजनाओं की कन्वर्जेंस (अभिसरण) से हर वार्ड में वर्षा शालिकाएं, सिंचाई सुविधा, नालियां, बरसाती नालों का तटीकरण, मुक्ति धाम, खेल मैदानों के विकास जैसे काम किए गए हैं। शाला पंचायत में 7 वार्ड हैं। सभी वार्ड के रास्ते इंटरलॉक टाइल्स से चकाचक किए गए हैं। बाजार में मुख्य सड़क पर भी इंटरलॉक टाइल्स बिछाई गई हैं। स्कूल भवन में बड़ा परीक्षा हॉल बनाया गया है।
  • क्या कहते हैं बीडीओ
बीडीओ गोहर निशांत बताते हैं कि शाला पंचायत में पंचायत प्रतिनिधयों एवं लोगों की सक्रिय सहभागिता से मनरेगा पर्यटन के अनूठे कॉन्सेप्ट को विकसित किया गया है। पंचायत मनरेगा में किए अपने अभिनव पहलों व अनुकरणीय प्रयासों के चलते सबके लिए एक उम्दा मिसाल बन गई है।
  • लाभार्थियों ने सीएम का जताया आभार
मनरेगा से लाभान्वित हुए शाला पंचायत के सभी लाभार्थियों ने  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है। शाला के धर्मेद्र कुमार, भगवान दास और सुनीता देवी समेत सैंकड़ों लाभार्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के ग्रामीण विकास पर जोर देने से गांवों में सुविधाओं का विकास हुआ है। रोगजार के नए अवसर बने हैं। सुनीता देवी ने कहा कि ‘मनरेगा से घरद्वार काम मिला, जिससे घर का खर्चा चलाना आसान हो गया। बड़ादेओ के मंदिर के लिए पक्का रास्ता बनने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोगजार के मौके भी बनेंगे।’ उन्होंने इन सब सौगातों के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।
  • क्या कहते हैं जिलाधीश
डीसी ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिला में कुछ पंचायतों ने मनरेगा कामों में शानदार मिसाल कायम की है। इनमें मुरहाग और शाला पंचायतों का नाम प्रमुख है। पंचायत ने मनरेगा में विकास का नया मॉडल विकसित किया है, जिससे अन्य पंचायतें भी सीख ले कर आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि मंडी जिला में मनरेगा के तहत रोजगार देने के साथ ही योजना मद के साथ अभिसरण करके स्थाई परिसम्पतियों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।