जियो टैगिंग में 5837 लाेगाें के नाम दर्ज, 112 काे ही मिला लाभ : महाजन

विनय महाजन। नूरपुर

क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोगों के लिए की गई जियो टैगिंग मजाक का विषय बनकर रह गई। प्रति पंचायत सैंकड़ों पात्र कच्चे मकान वाले लोगों ने आवेदन किेए थे, जो कि प्रति पंचायत ढाई मकान ही अब तक स्वीकृत हुए हैं, जो कि गरीब लोगों से भद्दा मजाक है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने वीरवार को राजा का बाग में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि 2019 में नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से करीब 5837 पात्र लोगों के नाम जियो टैगिंग के तहत दर्ज किए गए थे, लेकिन अभी तक करीब 112 मकान स्वीकृत हुए हैं, जो कि प्रति पंचायत ढाई मकान हिस्से आते हैं।

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महाजन ने कहा कि लोकसभा चुनावों से पहले की गई यह जियो टैगिंग एक और जुमला साबित हुई है। महाजन ने कहा कि यदि यही असल योजना का वास्तविक स्वरूप है, तो अकेले नूरपुर क्षेत्र के ही आवेदनकर्ताओं को 50 वर्ष मकान का इंतजार करना पड़ेगा। महाजन ने वनमंत्री राकेश पठानियां की कथनी पर सवाल दागते हुए कहा कि गत वर्ष वन मंत्री ने नूरपुर में सार्वजनिक मंच से कहा था कि वह नूरपुर क्षेत्र के लिए पांच हजार मकान लेकर आए हैं, तो वो मकान लोगों को अभी तक आवंटित क्यों नहीं हुए।

महाजन ने कहा कि इस प्रक्रिया में सबसे ज्यादा पंचायत प्रधानों को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है। महाजन ने कहा कि यदि सरकार के आदेश पर पात्र लोगों के आवेदन जियो टैगिंग के जरिए लिए गए, तो नाममात्र स्वीकृति में पंचायत प्रतिनिधियों के सिर पर दोष लगाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है। महाजन ने मांग की है कि सरकार उक्त योजना के तहत जारी हुई बजट राशि के लिए श्वेत पत्र जारी करें, ताकि असलियत जनता के सामने आए। इस अवसर पर कांग्रेस नेता राजीव रज्जु, देस राज, वकील सिंह, शाम लाल, अमित शर्मा व सुमेश कुमार आदि भी मौजूद थे।