प्राकृतिक खेती में आगे बढ़ने की है जरूरत: राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर

उमेश भारद्वाज। मंडी 

हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को आज प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है और पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश इसमें अपना अहम योगदान दे सकता है। यह बात हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बुधवार को मंडी जिले के थुनाग क्षेत्र की महिला मण्डलों से बातचीत करते हुए कही।

राज्यपाल ने औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय थुनाग के द्वारा आयोजित प्राकृतिक खेती किसान मेला व किसान वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने सराज क्षेत्र के महिला मण्डलों से सराज को आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाने में अपना पूरा सहयोग देने का आह्वान भी किया।


उन्होंने कहा कि क्षेत्र की महिलाएं पूरी तरह जागरूक हैं और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र की भावना है व सभी को इससे जुड़ना चाहिए।

वहीं राज्यपाल ने राज्य में वर्ष 2018 में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए मुख्यमंत्री की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने देश को रास्ता दिखाया है और आज दूसरे राज्य भी इस कृषि प्रणाली का अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रथा को अपनाने से आने वाली पीढ़ी का जीवन सुरक्षित रहेगा।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृति को संरक्षित करने की जरूरत है और यही जीवनशैली व्यवहार हमारी पहचान है।

इस मौके पर राज्य रेड क्रॉस सोसायटी की उपाध्यक्ष डाक्टर साधना ठाकुर, डीसी मंडी अरिंदम चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।