उज्जवल हिमाचल । डेस्क
छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने कहा है कि शनिवार को सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद से लापता सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान उनके कब्जे में है। माओवादियों ने बयान जारी कर जवान की रिहाई के लिए सरकार से मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने हमले की जिम्मेदारी भी ली है। इस मुठभेड़ में उनके भी चार साथी भी मारे गए हैं।
छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद से सीआरपीएफ की 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। माओवादियों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि तीन अप्रैल को सुरक्षा बल के दो हजार जवान हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे। इसे रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया है। इस कार्रवाई में 24 जवान मारे गए और 31 घायल हुए।
माओवादियों ने बयान में कहा है कि एक जवान को उन्होंने बंदी बनाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा। तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।