जानें 72 घंटाें में तीन बार दिल्ली क्याें पहुंचे पंजाब के नए सीएम

उज्जवल हिमाचल। चंडीगढ़

पार्टी हाईकमान के बुलाने पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी फिर दिल्ली पहुंचे। यह 72 घंटे में उनका तीसरा दिल्ली दौरा था। सूत्रों का यह भी कहना है कि पितृ पक्ष के कारण हिंदू वर्ग के सभी मंत्री शपथ ग्रहण नहीं करना चाहते। कैबिनेट सूची पर नए सिरे से विचार, पुरानी कैबिनेट में शामिल रहे पांच मंत्रियों को हटाने की तैयारी में हैं। पंजाब की नई कैबिनेट पर नया पेंच फंसा गया है। कैबिनेट के मंत्रियों की सूची दिल्‍ली में बैठक के बाद फाइनल हो गई थी, लेकिन बाद में तीन मंत्रियों के नाम पर पेंच फंस गया। परगट सिंह, कुलजीत सिंह नागरा और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम पर स‍हमति नहीं बनने की खबर है।

बता दें कि वीरवार देर रात तीन बजे तक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आवास पर चली वरिष्ठ नेताओं की बैठक में कैबिनेट की सूची तैयार कर ली गई थी, लेकिन तीन नामों को लेकर पर सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं, पुराने मंत्रिमंडल में शामिल रहे साधू सिंह धर्मसोत, अरुणा चौधरी, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी और गुरप्रीत सिंह कांगड़ आदि को नई कैबिनेट से ड्राप किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार नए मंत्रिमंडल में ब्रह्म मोहिंदरा, मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया को वरिष्ठता के कारण बरकरार रखा जा सकता है। इनके अलावा शाम सुंदर अरोड़ा, विजयइंदर सिंगला, भारत भूषण आशु, रजिया सुल्ताना और बलबीर सिंह सिद्धू को भी दोबारा मौका मिल सकता है।

डॉ. राजकुमार वेरका, रणदीप सिंह नाभा, अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, सुरजीत धीमान, परगट सिंह और कुलजीत सिंह नागरा को भी कैबिनेट में रखे जाने की चर्चा है। एक सीट पिछड़े वर्ग को दिए जाने की बात चल रही है, जिसके सुरजीत धीमान व संगत सिंह गिलजियां को लेकर फंसा है। वैसे बताया जा रहा है कि परगट सिंह, कुलजीत सिंह नागरा और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम पर पेंच फंसा हुआ है।
अब चन्नी और नवजोत सिद्धू को दोबारा बुलाए जाने के बाद चर्चा यह है कि पूरी सूची पर नए सिरे से जातिगत समीकरण बनाते हुए फैसला किया जाएगा।

आधी कैबिनेट सिख जट्ट समुदाय से हो सकती है। 18 में से 9 इस समुदाय से हो सकते हैं। हिंदू वर्ग का प्रतिनिधित्व वही रखा जा सकता है, जो पहले था। अरुणा चौधरी का नाम कटने से महिलाओं की भागीदारी कम हो सकती है। पंजाब सरकार डीएस पटवालिया की जगह अब अनमोल रत्न सिंह सिद्धू को नया एडवोकेट जनरल (एजी) नियुक्त कर सकती है। वीरवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने पटवालिया के नाम को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन राज्यपाल ने उनकी फाइल को मंजूरी नहीं दी। पटवालिया के भाई पीएस पटवालिया केंद्र में भाजपा के नजदीकी हैं। वह मोदी सरकार में एडिशनल सालिसिटर जनरल आफ इंडिया रह चुके हैं।