नया वर्ष सुरक्षाबलाें ने पांच दिनाें में मार गिराए 8 आतंकी

उज्जवल हिमाल। श्रीनगर

नया वर्ष आतंकियाें के लिए काल बनकर आया है। इन पांच दिनाें में सुरक्षाबलाें ने लश्कर-ए-तैयबा के पांच दिनाें में आठ आतंकी ढेर कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर में वर्ष 2022 की शुरुआत मुठभेड़ों के साथ हुई है। नए वर्ष के इन पांच दिनों में अब तक पांच मुठभेड़ हुई है और इनमें लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सहित 8 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। नए वर्ष में कश्मीर में अमन व शांति स्थापित करने का संकल्प लेने वाले सुरक्षाबलों के इन अभियानों ने आतंकवादी संगठनों को यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वे कश्मीर में और खून नहीं बहने देंगे। हालांकि अनुच्छेद-370 की समाप्ति व जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कश्मीर के हालात में काफी सुधार भी आया है।

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इन पांच दिनों में जिस तरह से आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों का शिकंजा कसता नजर आ रहा है, उससे कहा जा सकता है कि बहुत जल्द धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में पूरी तरह से अमन होगा और यहां रहने वाले लोग एक बार फिर आपसी भाईचारे के साथ मिलकर रहेंगे। इन पांच दिनों में जिस तरह से आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों का शिकंजा कसता नजर आ रहा है, उससे कहा जा सकता है कि बहुत जल्द धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में अमन-शांति स्थापित होगी और यहां रहने वाले लोग एक बार फिर आपसी भाईचारे के साथ अमन में रहेंगे। पांच दिनों में हुई पांच मुठभेड़ों में जिला श्रीनगर में सिर्फ एक घंटे की अवधि में दो मुठभेड़ देखी गई, जबकि उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में एक, दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम जिला में एक और आज बुधवार जिला पुलवामा में एक मुठभेड़ हुई।

आज पुलवामा में हुई मुठभेड़ में हल्की बारिश व भीषण ठंड की परवाह न करते हुए सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया करीब साढ़े तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी समेत जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में भी सुरक्षाबलों का आतंकवादियों के खिलाफ अभियान काफी कामयाब रहा। इस दौरान सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में 182 आतंकवादी मारे। इनमें 168 आतंकी कश्मीर संभाग में मारे गए। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने भी गत दिनों पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी थी कि 30 सालों में पहली बार है जब कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 200 से कम हुई है। सक्रिय आतंकियों में 83 विदेशी है जबकि इतने ही स्थानीय हैं।