एनआईटी हमीरपुर मामला : कई असिस्टेंट प्रोफेसरों, रजिस्ट्रार समेत 105 की नौकरी पर संकट

एसके शर्मा । हमीरपुर

एनआईटी हमीरपुर के बर्खास्त निदेशक डॉ. विनोद यादव के कार्यकाल में भर्ती हुए असिस्टेंट प्रोफेसर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार समेत अन्य गैर शिक्षकों के प्रोबेशन पीरियड को प्रमाणित करने में पेच फंस गया है। इसके साथ ही इनके कार्यकाल में भर्ती हुए 105 लोगों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। संस्थान प्रबंधन ने मंत्रालय की ओर से चल रही जांच और जनवरी माह में बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक में कोई निर्णय न होने का हवाला देते हुए शुक्रवार को एनआईटी हमीरपुर की ओर से नोटिस जारी कर प्रोबेशन पीरियड को प्रमाणित करने पर रोक से संबंधित आदेश पारित कर दिए गए हैं।
प्रोबेशन पीरियड को प्रमाणित करने से संस्थान के शिक्षकों और गैर शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। वहीं अब इन अधिकारियों के नियमितीकरण और वित्तीय लाभों पर कैंची भी चल सकती है। बोओजी की आगामी बैठक 9 मार्च को प्रस्तावित है। जिसके चलते यह बैठक हंगामापूर्ण होने की संभावना है। वर्ष 2018-19 में एनआईटी हमीरपुर में प्रो विनोद यादव के निदेशक रहते हुए संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार, गैर शिक्षकों के करीब 105 पदों पर भर्तियां हुई थीं। इन भर्तियों में प्रोबेशन पीरियड शामिल नहीं किया गया। जबकि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के नियमों के तहत टीचिंग और नॉन टीचिंग के पदों पर भर्ती होने वाले अधिकारियों को 1 से लेकर दो वर्ष तक प्रोबेशन पीरियड जरूरी है। भर्तियों में अनियमितता के चलते प्रो विनोद यादव को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया था। अब प्रोबेशन पीरियड कन्फर्म न होने के आदेश पारित होने से संस्थान में हड़कंप मच गया है। उधर, एनआईटी हमीरपुर के कार्यकारी निदेशक प्रो. ललित अवस्थी ने कहा कि संस्थान की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब वर्ष 2018-19 में एनआईटी हमीरपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार समेत अन्य गैर शिक्षकों के पदों पर हुई भर्तियों को प्रमाणित नहीं किया जा सकता।