जिला में किसी पक्षी की मौत नहीं, स्वां व गोविंद सागर झील में ऐहतियातन जांच

उज्जवल हिमाचल। ऊना
कांगड़ा के पौंग डैम में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत होने के बाद जिला प्रशासन ऊना सतर्क हो गया है। पड़ोसी जिला होने के नाते ऊना प्रशासन ने भी ऐहतियाती कदम उठाए हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि जिला ऊना में किसी भी पक्षी की मौत का कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन सतर्कता बरतते हुए वन विभाग को स्वां नदी व गोविंद सागर झील में ऐहतियातन जांच करने तथा निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

डीसी राघव शर्मा के निर्देश पर पशु पालन व वन विभाग ने बनाई टीमें

उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर कहीं कोई मृत पक्षी दिखाई दे, तो इसकी सूचना तुरंत वन अथवा पशु पालन विभाग को दें। डीसी ने कहा कि मृत पक्षी के पास जाने या फिर उसे छूने की कोशिश न करें। इस संबंध में डीएफओ ऊना राकेश कुमार ने कहा कि वन विभाग ने जिला के चार रेंज में टीमें गठित की हैं। टीमों ने अपनी-अपनी रेंज में जांच की है तथा अभी तक फ्लू के कारण किसी भी पक्षी की मौत का मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधीश राघव शर्मा ने कहा कि पशु पालन विभाग के अधिकारियों को भी पक्षियों की मौत पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है। अगर किसी भी पालतु अथवा अन्य पक्षी की मौत का मामला सामने आता है, तो इसकी सूचना तुरंत उप-निदेशक पशु पालन विभाग को भेजने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी पक्षी की मौत का मामला सामने आता है, तो उसके सैंपल जांच के लिए आरडीडीएल लैब जालंधर भेजे जाएंगे। सभी ब्लॉक में रेपिड रिस्पॉन्स टीमें गठित की गई हैं। उप निदेशक पशु पालन विभाग डॉ. जय सिंह सेन ने बताया कि सभी ब्लॉक में पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ विभागीय टीम के साथ फार्मासिस्ट व सहायक को भी जोड़ा गया है तथा उन्हें सतर्क रहने को कहा गया है।