मोटापे की समस्याः कीटनाशक से भी बढ़ता है मोटापा, फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाने का सुझाव

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

आज पूरे विश्व के लोगों के समने सबसे बड़ी समस्या मोटापे की है, संसार का लगभग हर दुसरा तीसरा व्यक्ति इस समस्या से परेशान है। मोटापा की बजह से मानव शरीर में कई बीमारियों उत्पन होती हैं। मोटा व्यक्ति इस समस्या से छुटाकरा पाना चाहता है, तथा इसके निदान के लिए आहार-व्यवहार से लेकर डाक्टरी इलाज तक के उपाय अपनाए जाते हैं। मोटापा बढ़ाने वाले चीजों से लोग बचने की भी कोशिश करते हैं। अब मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों का भी वैश्विक स्तर पर मोटापे का संकट बढ़ाने में योगदान होता है। यह निष्कर्ष ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ पत्रिका में छपा है।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि क्लोरपाइरिफोस का इस्तेमाल कनाडा में प्रतिबंधित होने के बावजूद दुनिया के कई देशों में फलों और सब्जियों पर इसका छिड़काव किया जाता है। देखा गया है कि यह कीटनाशक चूहों के ब्राउन एडिपोज ऊतकों में कैलोरी बर्निग की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। ब्राउन एडिपोज टिश्यू बैट स्तनधारियों में ऊष्मा उत्पन्न थर्मोजेनेसिस करने वाला एक विशेष ऊतक है और यह रासायनिक खाद्य ऊर्जा को पूरे शरीर में फैला कर ऊर्जा संतुलन बनाए रखता है। कैलोरी बर्निग को कम करने की इस प्रक्रिया को आहार प्रेरित थर्मोजेनेसिस कहते हैं। यह शरीर में अतिरिक्त कैलोरी को स्टोर कर मोटापे बढ़ावा देता है।

34 सामान्य कीटनाशकों पर किया अध्ययन शोधकर्ताओं ने यह खोज आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले 34 कीटनाशकों और खरपतवाड़ नाशकों हर्बिसाइड के ब्राउन फैट सेल पर प्रयोग तथा चूहों को हाई कैलोरी वाला भोजन देने के बाद क्लोरपाइरिफोस पर उसके प्रभाव का अध्ययन करके की है। सेंटर फार मेटाबोलिज्म, ओबीसिटी एंड डायबिटीज रिसर्च, मैकमास्टर के सह निदेशक तथा मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर व इस अध्ययन के लेखक ग्रेगोरी स्टेनबर्ग ने बताया कि ब्राउन फैट हमारे शरीर का मेटाबोलिक फर्नेस है, जो सामान्य फैट के बजाय उस फैट को बर्न करता है जो स्टोर करने के लिए होता है। यह ऊष्मा पैदा करता है और हमारे शरीर में कैलोरी को जमा होने से रोकता है। इसलिए जहां तक संभव हो फल.सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही खाना चाहिए।