“आधुनिक विज्ञान में नैनो विज्ञान के उपयोग” विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में 05 जनवरी, 2021 को “आधुनिक विज्ञान में नैनो विज्ञान के उपयोग” विषय पर एक अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम प्रो अनिता वोहरा ने वेबिनार में विशेष रूप से पधारे मुख्य वक्ता डॉ खालिद मुजसम बट्टू (किंग अब्दुल्ला इंस्टीट्यूट फॉर नैनोटेक्नॉलॉजी, किंग यूड यूनिवर्सिटी रियाद, सऊदी अरब) एवं प्रो.महावीर (अतिथि-वक्ता), भौतिकी विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला मौखिक स्वागत किया। इसके बाद डॉ खालिद ने अपना विषय प्रसतुत किया।

डॉ खालिद के विषय का मुख्य बिन्दु था –“सिरेमिक ऑक्साइड नैनोमैटिरियल्स -चुनौतियाँ और अनुप्रयोग”। वैज्ञानिक महोदय ने अपनी बात की शुरुआत नैनोमैटिरियल्स के संक्षिप्त परिचय के साथ की और बताया कि कैसे संश्लेषित नैनोमीटर आधुनिक युग में विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर रहे हैं। डॉ केएम बट्टु ने चुंबकीय गैर-सामग्री के महत्व पर जोर दिया, जिसमें सिरेमिक ऑक्साइड और विभिन्न क्षेत्रों में डेटा भंडारण से लेकर स्वास्थ्य अनुप्रयोगों तक उनके अनुप्रयोगों का विशेष संदर्भ है। वह सिरेमिक ऑक्साइड से बने नैनोस्ट्रक्टेड सामग्रियों के संश्लेषण के तरीकों पर भी प्रकाश डालता है।

उन्होंने चुंबकीय नैनोमैटिरियल्स के कुछ दिलचस्प तथ्यों और सूचनाओं के भंडारण में उनके उपयोग का खुलासा करके बात को समाप्त किया गया। उसके बाद, प्रो.महावीर (अतिथि-वक्ता), भौतिकी विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला ने “स्वास्थ्य, संचार, डेटा संग्रहण और जल शोधन में चुंबकीय नैनोमीटर के उपयोग” विषय पर व्याख्यान दिया। प्रो.महावीर ने विभिन्न नैनोमैटिरियल्स के अनुप्रयोगों जैसे डेटा स्टोरेज, स्वास्थ्य (ड्रग डिलीवरी और बॉडी स्कैन) संचार और पानी के शुद्धिकरण के बारे में बहुत ही रोचक तथ्य प्रस्तुत किए।

डॉ महावीर ने पानी के शुद्धिकरण पर चुंबकीय नैनोमैटिरियल्स की उपयोगिता पर जोर दिया और कहा कि भविष्य का युग नैनोमैटेरियल्स का है, जहां हम देखेंगे कि सभी उपयोगी चीजें नैनोमैटेरियल्स से बनी हैं और स्वास्थ्य, डेटा स्टोरेज, वायु और पानी के शुद्धिकरण के लिए तकनीकों, संचार आदि से नैनो-विज्ञान का उपयोग होगा। वैज्ञानिकों ने इन चुंबकीय सामग्री के गैर-विषाक्तता के रहस्य को भी उजागर किया, इसलिए कोई भी स्वतंत्र रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में उनका उपयोग कर सकता है।

वक्तव्य के पश्चात दोनों वक्ताओं ने विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को भी शान्त किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बलजीत सिंह पटियाल ने कहा कि एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा का हमेशा यह प्रयास रहता है कि छात्रों में संरचनात्मक सोच विकसित हो, जिससे हमारे विद्यार्थी जीवन के सभी क्षेत्रों में अग्रणी बनें। कार्यक्रम के अन्त में डॉ देवव्रत अवस्थी ने मुख्य वक्ताओं, अतिथियों, प्रतिभागियों एवं समस्त विद्यार्थियों का तथा विशेष रूप से डॉ कुलदीप सिंह (कॉर्डिनेटर) का धन्यवाद ज्ञापन किया।