पोषण वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण का आयोजन

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

कुपोषण भारत के लिए एक बड़ी गंभीर समस्या है। इसे दूर करने के लिए इस वक्त पूरे देश मे पोषण महा अभियान मनाया जा रहा है। इसी शृंखला मे इस वर्ष यह अभियान वृक्षारोपण एवं पोषण वाटिका के रूप मे मनाया जा रहा है । संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है। एक से 30 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत देश से कुपोषण को मिटाने के लिये कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा द्वारा जन समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। पोषक अनाज आधारित उत्पादों से संतुलित पोषण और बेहतर स्वास्थय के लिए जागरूकता पैदा करने मे कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा अहम भूमिका निभा रहा है। विभिन प्रदर्शनों के माध्यम से पोषक अनाज को बढ़ावा दे रहा है।

100 किसानों एवं कन्याओं को कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा द्वारा इफको की सहभागिता से वेजिटेबल बीज किट, सहजन के पौधे व फूल गोभी की पनीरी वितरित की गयी। इस मौके पर प्रधान ग्राम पंचायत कोहाला, बलवंत राय ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होने कहा कि हर किसी व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए संतुलित आहार और स्वच्छ वातावरण की आवश्यकता होती है इसलिए ज्यादा से ज्यादा अपने आहार में स्थानीय अनाज और फल सब्जी लेनी चाहिए और पोषण वाटिका इसका एक बहुत अच्छा माध्यम है । केन्द्र के प्रभारी डॉ संजय शर्मा ने बताया कि न्यूट्री गार्डन से बेहतर तरीके से सब्ज़ी की खेती कर कुपोषण से केंद्र, परिवार व समाज को बचाया जा सकता है।


डॉ नीतू शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्य की जानकारी देते हुए कहा कि इस महा अभियान का मुख्य उद्देश्य न्यूट्री गार्डन अथवा पोषण वाटिका को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान है। उन्होंने कुपोषण से बचने के लिए स्थानीय संसाधनों के प्रयोग व पोषण संवेदन थाली के बारे में अवगत करवाया। डॉ दीप कुमार ने प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों मे भी बने रहने वाली मोटे अनाज फसलों के महत्व बारे जानकारी दी। इफको के क्षेत्रीय अधिकारी श्रेय सूद एवं माशूक अहमद ने इफको के कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा संचालित डिजिटल कार्यक्रम “अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के परिपेक्ष्य मे पोषक अनाज हितधारकों का सम्मेलन, वृक्षारोपण एवं पोषण वाटिका की पहल का शुभारंभ” का सीधा प्रसारण किया गया ।इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि आए हुए किसानों एवं कन्याओं को मोटा अनाज आधारित खाद्य पदार्थ परोसे गए।