मुरली मनोहर मंदिर में पंच भीष्म शुरू, दिन-रात जलेंगे 101 दीपक

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

शक्तिपीठ ज्वालामुखी के प्रसिद्ध मुरली मनोहर मंदिर में पंच भीष्म शुरू हो गए हैं। यहां दिन रात 101 दीपक पूरे पांच दिनों तक दिन रात जलाए जाएंगे। स्थानीय निवासी और मंदिर पुजारी इन दीपको में दिन रात तेल का दान करते हैं। वर्षों से इस मंदिर में दीप दान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में पंच भीष्म के दिनों में दर्शन करने से पुत्र प्राप्ति होती है तथा दीप दान से पितृ दोष भी समाप्त होता है।

मुरली मनोहर मंदिर पुजारी डिंपल शर्मा ने बताया कि पंच भीष्म मनाने के दो कारण हैं, एक तो माता तुलसी का विवाह मुरली मनोहर से इसी दिन हुआ था और महाभारत काल मे जब भीष्म पिताहमा बाणों की शैया पर लेटे थे, तब उन्होंने पांडवों को पांच दिन तक ज्ञान दिया था। इसी उपलक्ष्य में पंच भीष्म मनाए जाते हैं।

पंच भीष्म का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। पुराणों तथा हिंदू धर्म ग्रंथों में कार्तिक माह में ‘भीष्म पंचक’ व्रत का विशेष महत्त्व कहा गया है। यह व्रत कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी से आरंभ होता है तथा पूर्णिमा तक चलता है।

भीष्म पंचक को ‘पंच भीखू’ के नाम से भी जाना जाता है। धर्म ग्रंथों में कार्तिक स्नान को बहुत महत्त्व दिया गया है। अतः कार्तिक स्नान करने वाले सभी लोग इस व्रत को करते हैं। भीष्म पितामह ने इस व्रत को किया था इसलिए यह ‘भीष्म पंचक’ नाम से भी प्रसिद्ध हुआ।