ग्राम पंचायत सरेड़ी के बटूरड़ा सड़क का मिट गया नामोनिशान

एसके शर्मा। हमीरपुर

सड़कों को मानव जीवन की भाग्य रेखाएं माना जाता है, लेकिन इन भाग्य रेखाओं का नामोनिशान ही मिटना शुरू हो जाए, तो मानव जीवन का संकट में पड़ता तय है। तहसील गलोड़ की ग्राम पंचायत सरेड़ी के तहत कड़साई से फाहल वाया बटूरड़ा सड़क का नामोनिशान ही मिट गया है। 15 वर्ष पहले बनी इस सड़क की सुध न लेने के कारण अब यह सड़क जंगल में तबदील हो गई है, जिससे करीब छह गांवों के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं बटूरड़ा से कड़साई पढ़ने आने वाले छात्रों को ज्यादा दिक्कतें पेश आती हैं। सड़क के जंगल में तबदील हो जाने के कारण छात्रों को जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ता है।

यही नहीं कड़साई गांव सहित अन्य गांवों के लोगों को यदि फाहल जाना हो, तो दस किलोमीटर का अतिरक्त सफर तय करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि करीब 15 वर्ष पहले इस सड़क का निर्माण किया गया था। शुरूआती कुछ वर्षों में इस सड़क मार्ग की सुविधा लोगों को मिली, लेकिन बाद में इसकी सुध न लेने के कारण सड़क का बजूद संकट में पड़ता गया। अब तो पता ही नहीं चलता कि जंगल में कभी सड़क भी हुआ करती थी। नाला पार करने के लिए बनाई गई पुलिया भी बह चुकी है। विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी सड़क ही हालत को नहीं सुधारा गया, जिसका खामियाजा अब ग्रामीण भुगत रहे हैं। करीब 700 मीटर सड़क जंगल में लापता ही हो गई है।

कड़साई गांव के ग्रामीणों कैप्टन कमलेश चंद्र शर्मा, वार्ड पंच पुष्पा देवी, मेहर चंद, अमरनाथ, सुहडू राम, राजकुमार, सतीश कुमार, राजकुमार, सुमना देवी, जमना देवी, रीता देवी, रेखा देवी आदि ने बताया कि कड़साई से फाहल वाया बटूरड़ा सड़क वर्षों पहले निकाली गई थी। लोगों की सुविधा के लिए ही इसका निर्माण किया गया था। अनदेखी के चलते धीरे-धीरे इस सड़क का बजूद खत्म होता गया। कई बार विभागीय अधिकारियों को इस सड़क की मरम्मत करने के लिए कहा गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

ग्रामीणों ने बताया कि 700 मीटर सड़क का नामोनिशान मिट जाने के कारण ग्रामीणों का खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि यदि संबंधित विभाग व सरकार ने इस समस्या का जल्द स्थायी समाधान नहीं किया, तो ग्रामीण उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने सरकार व लोकनिर्माण विभाग से मांग की है कि इस सड़क की सुध लेकर लोगों को राहत पहुंचाई जाए।