जातिगत आरक्षण से दुखी होकर लोगों ने राष्ट्रपति से मांगा मृत्यु दान

मनीष ठाकुर। कुल्लू

देशभर में जाति आरक्षण को दिए जा रहे बढ़ावे व स्वर्ण समाज के मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर अब क्षत्रिय महासभा जिला कुल्लू की 22 पंचायतों से जुड़े लोगों ने राष्ट्रपति से मृत्यु दान की मांग की है। वहीं सभी युवकों ने डीसी कुल्लू के माध्यम से एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को भेजा है, जिसमें उसने एट्रोसिटी एक्ट व जातिगत आरक्षण से दुखी होकर अपने व अपने परिवार के लिए मृत्यु दान की मांग रखी है।

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जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर से डीसी कार्यालय में 22 पंचायतों के युवकों ने एक बैठक भी आयोजित की और डीसी के माध्यम से एक ज्ञापन भी भेजा। बैठक में हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत भी शामिल रहे। जितेंद्र राजपूत ने कहा कि स्वर्ण समाजों के मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर वे आज काफी चिंतित हैं और हर जगह जातिगत आरक्षण को बढ़ावा देकर उनका मन दुखी है। ऐसे में स्वर्ण समाज के युवाओं को ना तो आर्थिक तौर पर कोई फायदा मिल रहा है और ना ही कानून व्यवस्था के तहत उन्हें न्याय मिल पा रहा है।

उनका कहना है कि आज कुछ लोग एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग कर स्वर्ण समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं और इस कानून का गलत फायदा भी उठा रहे हैं। जिससे स्वर्ण समाज काफी आहत है। वही जातिगत आरक्षण के आधार पर भी कुछ चुनी हुई जातियों को ही इसका फायदा दिया जा रहा है जबकि स्वर्ण समाज सरकारी योजनाओं में फायदे लेने के लिए सक्षम नहीं है।

उनका कहना है कि उनकी मुहिम में अब अन्य युवक भो आगे आये है ताकि देश से इस आरक्षण की बीमारी को खत्म किया जा सके। सरकार भी उनकी मांगो पर भी गौर करे ताकि देश से जातिगत आरक्षण व स्वर्ण समाज के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके। गौर रहे कि एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर क्षत्रिय महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र ने पहले राष्ट्रपति से मृत्य दान की मांग रखी थी। जिसमें अब जिला कुल्लू की 22 पंचायत के युवा भी उनके समर्थन में आगे आए है।

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