चुने हुए प्रतिनिधियों की बजाए, डोगरा से मदद की उम्मीद लगा रहे लोग

लोगों के आग्रह पर हमीरपुर के बाद अब कांगड़ा में चलाया सेनेटाइजेशन का काम

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। हमीरपुर

कोरोना के संकट काल में जहां एक ओर कांग्रेस व भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ता नदारद हैं वहीं दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष इस काल में अपने कार्यों से हर दिन एक नई इबारत लिख रहे हैं। डोगरा 15 मार्च से मैदान में डटे हुए हैं जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। उनकी कार्यप्रणाली को देखकर जिला हमीरपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई हिस्सों से लोग उनसे मदद के लिए संपर्क साध रहे हैं। आलम यह है कि लोग अपने चुने हुए जन प्रतिनिधियों से मदद की उम्मीद की बजाए डोगरा से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। डोगरा भी बिना किसी भेदभाव के हर क्षेत्र में हरसंभव मदद पहुंचाने के साथ-साथ कार्य भी कर रहे हैं। इसी का ताजा उदाहरण जिला कांगड़ा का बालकरूपी मंदिर है, जहां डोगरा की टीम और युवा मंडल बालकरूपी ने रविवार को बालकरूपी मंदिर परिसर और बालकरूपी गांव में सेनेटाइजेशन का काम किया।

हुआ यूं कि बालकरूपी गांव की शबनम मेहरा ने फेसबुक के माध्यम से संपर्क साध कर डोगरा को सेनेटाईजेशन के लिए आग्रह किया था। डोगरा ने भी इसके लिए हामी भरी और वह अपनी टीम जिसमें प्रदेश महासचिव लवकेश कुमार और युवा इकाई के पंकज डोगरा भी शामिल रहे, के साथ बालकरूपी पहुंच गए। वहां उन्हें युवक मंडल बालकरूपी का भी पूरा सहयोग मिला और सबने मिलकर मंदिर और गांव में सेनेटाइजेशन का काम किया। इसके अतिरिक्त डोगरा ने युवक मंडल और ग्रामीणों को सेनेटाइजेशन के लिए 20 लीटर स्प्रे, 10 लीटर सेनेटाइजर, 200 दस्ताने, 200 मास्क, सेनेटाइजेशन फुट पैडल की 2 मशीनें और 5 पीपीई किट्स भी भेंट कीं। ताकि भविष्य में भी सुरक्षित तरीके से युवक मंडल के सदस्य सेनेटाइजेशन का कार्य कर सकें। युवक मंडल ने भी इस मदद के लिए डोगरा का आभार व्यक्त किया। रविवार को युवक मंडल की ओर से मुनीश, अभिषेक मेहरा, अश्वनी, रिशू, सौरभ, संकुल, रोजू तथा शबनम मेहरा ने इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग दिया।

रविंद्र सिंह डोगरा ने कहा कि निकट भविष्य में मंदिरों के खुलने की संभावनाएं हैं और इसी क्रम में आज से ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों को सेनेटाइज करने की मुहिम शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि बालकरूपी की शबनम मेहरा ने उनसे फेसबुक के माध्यम से संपर्क करके सेनेटाइजेशन का आग्रह किया था। इसी के चलते वह यहां आए और युवक मंडल के सदस्यों के साथ मिलकर सेनेटाइजेशन की गई। डोगरा के मुताबिक इसी तरह से जिला मंडी, ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा के लोग, सेनेटाइजेशन के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं। जैसे हमने जिला कांगड़ा के बालकरूपी में सेनेटाइजेशन का कार्य किया है, आने वाले दिनों में हम अन्य जिलों में भी इस कार्य के लिए जाएंगे। डोगरा का तो यहां तक कहना है कि सरकार और मंदिर प्रशासन यदि उन्हें बुलाते हैं तो वह अपने स्तर पर विभिन्न मंदिरों को सेनेटाइज करेंगे। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वह मंदिरों को सेनेटाइज करेंगे।

वहीं हमीरपुर जिला के बाहर जाकर भी कार्य करने के सवाल पर डोगरा ने कहा कि नेता और सेवक किसी क्षेत्र विशेष का नहीं होता। नेता का असली काम जनसेवा है और जहां भी जरूरत हो वहां जनसेवा करना वह अपना दायित्व समझते हैं। उन्होंने कहा कि यदि लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधियों की बजाए उनपर विश्वास जताकर मदद मांग रहे हैं तो निश्चित तौर पर लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि कुछ नहीं कर रहे हैं। इसलिए मुसीबत की घड़ी में लोगों की मदद करना मेरा पहला दायित्व है। गौरतलब है कि रविंद्र सिंह डोगरा के जनसेवा के कार्यों से प्रभावित हमीरपुर के लोग उन्हें नेता नहीं बेटा कहते हैं। वहीं अब कोरोना के संकट काल में डोगरा ने जिस तरह से जमीनी स्तर पर काम किया है उससे प्रदेशभर के लोग उनसे प्रभावित हो रहे हैं। कुल मिलाकर डोगरा ने राजनेताओं के लिए जनसेवा की एक मिसाल कायम की है, जिसकी जनता भी कायल हो रही है।