उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। धर्मशाला
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा की वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है। ऐसा लगता है मानो सरकार का किसी चीज़ पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जहां कोरोना महामारी के दौरान लोगों को राहत मिलनी चाहिए थी वहीं आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ लादा जा रहा है। आपदा के काल में रसोई गैस के दाम बढ़ाना, पेट्रोल और डीज़ल के दामों में भी बढ़ोतरी करना दर्शाता है कि सरकार संवेदनशीलता भूल चुकी है।
लॉकडाउन के दौरान भेजे गए बिजली बिलों पर सरकार ने उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दी है, जबकि इस दौरान आए भारी बिजली बिलों को माफ़ करना चाहिए था। सरकार ने इस दौरान मध्यमवर्गीय परिवारों की सब्सिडी को ख़त्म किया है जबकि इसमें राहत पैकेज का लाभ सभी को मिलना चाहिए। इसी दौरान सस्ते राशन की दुकानों में मिलने वाली वस्तुओं, दालें इत्यादि के दामों में बढ़ोतरी को नियंत्रित कर पाने में और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित कर पाने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। प्रदेश के कई स्थानों से घटिया क़िस्म के आटे की सप्लाई की शिकायतें मिली हैं जिस पर कार्यवाही आवश्यक है।
सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार अगर और कुछ नहीं कर सकती तो इस दौरान बढ़ती हुई महंगाई पर लगाम लगाने के लिए उसे तुरंत क़दम उठाने चाहिए और जिन चीज़ों का सीधा-सीधा प्रभाव आम आदमी पर पड़ रहा है, जैसे कि बिजली के बिल, दालों के दामों में बढ़ोतरी, पानी के बिलों में बढ़ोतरी, बस किराया वृद्धि, सभी चीज़ों को तुरंत प्रभाव से नियंत्रित कर आम आदमी को राहत देनी चाहिए ,नहीं तो जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएगी। जिसका ख़ामियाज़ा सरकार को अपने कुप्रबंधन के कारण भुगतना पड़ सकता है।