श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप को देश को समर्पित करेंगे पीएम माेदी

उज्जवल हिमाचल। वाराणसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस कुछ घंटों बाद 5,27,730 वर्ग फीट में विस्तारित सज-संवर कर तैयार अपने संसदीय क्षेत्र के श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप को देश को समर्पित करेंगे। इसके साथ 13 दिसंबर को सनातन संस्कृति के इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ और जुड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में करीब 352 वर्ष बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का पुरातन से नव्य-भव्य स्वरूप निखर कर दुनिया के सामने आया है। शिवपुरी में आस्था का रेला हिलोर ले रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद घंटों बाद इसको जनता को समर्पित करेंगे। इस पल का साक्षी बनने के लिए काशी में मानों पूरा देश उमड़ पड़ा है।

समस्त ज्योतिर्लिंगों के प्रतिनिधियों समेत देशभर के 150 से अधिक धर्माचार्य, संत-महंत व प्रबुद्धजन इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। भाजपा शासित राज्यों के सव मुख्यमंत्री, सात उपमुख्यमंत्रियों समेत देश भर के राजनेता भी इसमें शामिल होने वाले हैं। जन आस्था के शीर्ष केंद्र के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से पूरे देश को जोड़ने के लिए 51,000 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन तैयार है।

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वाराणसी में यह परियोजना श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट तक सुगम मार्ग के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करेगी। इस परियोजना क्षेत्र 5 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है, जबकि पहले का परिसर सिर्फ 3000 वर्ग फुट तक सीमित था। इसमें 23 नए भवनों के निर्माण से तीर्थयात्रियों और भक्तों को अनेक सुविधाएं प्राप्त होंगी।

इस कार्य के दौरान 300 से अधिक संपत्तियों का सौहार्दपूर्ण अधिग्रहण और परियोजना को मुकदमेबाजी से मुक्त बनाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबको साथ लेकर चलने का दृष्टिकोण है। यहां पर 40 से अधिक प्राचीन मंदिरों को फिर से खोजा गया, उनका जीर्णोद्धार किया गया और उनका सौंदर्यीकरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काशी के दो दिनी प्रवास के लिए सोमवार सुबह 11 बजे आगमन होना है। काशी की परंपरानुसार सबसे पहले शहर कोतवाल कालभैरव का दर्शन-पूजन कर अनुमति लेंगे। इसके बाद राजघाट होते जलमार्ग से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम जाएंगे। गंगा को प्रणाम कर जल कलश लिए भव्य द्वार से बाबा के विस्तारित दरबार में प्रवेश करेंगे और देशभर की 21 नदियों के जल से काशीपति का अभिषेक करेंगे।

श्रीकाशी विद्वत परिषद के मार्ग दर्शन में पं. श्रीकांत मिश्रा, डॉ. नागेन्द्र पांडेय, पं. ओमप्रकाश मिश्रा समेत श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक गण बाबा का षोडशोपचार पूजन करने के साथ अन्य अनुष्ठान कराएंगे। मंदिर चौक द्वार की दर्शन गैलरी के एकाकार दृष्टिपथ से बाबा दरबार गर्भगृह और गंगधार को शीश नवाएंगे। इसके बाद वह 339 करोड़ रुपए की लागत से बने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। शिलापट का अनावरण कर सजे-संवरे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को भक्तों के नाम करेंगे। पीएम मंदिर के विशाल चौक में देश भर से आए संत-महंतों के साथ संवाद करेंगे और विभोर मन से उन श्रमयोगियों को नमन करेंगे, जिन्होंने तय समय से कम अवधि में ही बाबा के धाम को पूर्णता दी। उन्हें सम्मानित करने के साथ ही उनके संग बाबा का प्रसाद भी सिर माथे लगाएंगे।

प्रधानमंत्री धाम में बनी वाराणसी गैलरी, सिटी म्यूजियम, मुमुक्षु भवन समेत अन्य भवनों को भी देखेंगे। जल मार्ग से संत रविदास घाट और फिर सड़क मार्ग से बनारस रेल इंजन कारखाना जाकर विश्राम करेंगे। सायंकाल प्रधानमंत्री फिर संत रविदास घाट आएंगे। योगी आदित्यनाथ समेत सभी मुख्यमंत्रियों व उपमुख्यमंत्रियों संग जलयान से गंगा के घाटों की छटा निहारेंगे और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री लगभग तीन घंटे जलयान पर होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के भूपेंद्र भाई पटेल, हरियाणा के मनोहर लाल, हिमाचल के जयराम ठाकुर, त्रिपुरा के विप्लब कुमार देब, असम के हिमंता बिस्व सरमा, कर्नाटक के बसवराज बोम्बइ व मणिपुर के एन विरेन सिंह और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समारोह में शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री सोमवार की रात बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) गेस्ट हाउस में विश्राम के बाद मंगलवार सुबह 10 बजे से मुख्यमंत्रियों के साथ करीब ढाई घंटे की बैठक करेंगे। दोपहर में चौबेपुर के उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर जाएंगे, जहां विहंगम योग संस्थान के वार्षिकोत्सव को संबोधित करेंगे। दो दिवसीय प्रवास के बाद शाम पांच बजे दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाएंगे। वाराणसी में रविवार शाम से ही संतों का आगमन शुरू हो गया। परमार्थ निकेतन के परमाचार्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज मुनि जी, आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर, राजेंद्र दास, केशवानंद आदि आ गए हैं। राष्ट्र संत मोरारी बापू, रमेश भाई ओझा, योग गुरु बाबा रामदेव सोमवार सुबह पहुंचे हैं।