मेले न होने से गरीब कारोबारियों पर पड़ी मार, हिमाचल सरकार दे मुआवजा : राकेश

उज्जवल हिमाचल। गगल

कांगड़ा घाटी में लगातार दूसरे साल स्थानीय मेले नहीं हो रहे हैं। इससे छोटे कारोबारियों का भट्ठा बैठ गया है। लाखों का सामान खराब होकर रह गया है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह इन कारोबारियों को मुआवजा प्रदान करें। यह बात घणा में समाजसेवी राकेश चौधरी ने कही। राकेश चौधरी घणा में सालाना मेले को लेकर रस्म अदा करने पहुंचे थे। उन्होंने झंडा रस्म के बाद कुछ बच्चों की कुश्ती करवाकर मेले का समापन किया। इस दौरान कई गणमान्य मौजूद रहे। वहां लोगों को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि इस बार मेले न हो पाने का दुख है। कोरोना ने एक बार फिर गरीब आदमी की आर्थिकी बिगाड़कर रख दी है।

चौधरी ने कहा कि इन दिनों होने वाले ग्रामीण मेलों से हजारों कारोबारियों का परिवार चलता था, लेकिन ये उत्सव न होने के कारण लोगोंं को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश और केंद्र सरकारों को चाहिए कि वे इन कारोबारियों की मदद करें। इन्हें तुरंत मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इस अवसर पर समाजसेवी सतीश चौधरी के अलावा उमेश दीक्षित, बालकृष्ण, प्रीतम चंद, पंचायत प्रधान नीना देवी, उपप्रधान अमिताभ बिंदु, कुलवंत, जिला परिषद सदस्य रविंद्र वकमल आदि गणमान्य मौजूद रहे।

किसानों को सूखे का मुआवजा दे सरकार
राकेश चौधरी ने कहा कि इस बार बारिश न हो पाने के चलते फसलें सूख गई हैं। गेहूं खेतों में ही खराब हो रही है। इसके अलावा मटर, टमाटर, प्याज, लहसुन, धनिया आदि फसलों की हालत खराब हो गई है। प्रदेश सरकार को जल्द नुकसान का आकलन करवाकर किसानों को मुआवजा प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खड्डें भी सूख गई हैं। पानी को लेकर गांवों में तल्खी बढऩे की आशंका है। सरकार को इसमें राजस्व विभाग की मदद से जो थोडा बहुत पानी है, उसका शेडयूल बनाकर वितरण करवाना चाहिए।