सरकारी तंत्र व माफिया की मिली भगत से आज़ भी अवैध खनन पर नहीं लग रहा लगाम

उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के नीचे क्षेत्रों में रहने वाली व्यास व चक्की उपनदी में मौजूदा सरकार अभी तक अवैध खनन को मध्यनजर रखते हुए ऐसे खनन माफिया पर पूरी तरह से लगाम लगाने में शायद असहाय सावित हो रही है। अवैध खनन को रोकने के लिए अभी तक खनन विभाग व पुलिस विभाग ही धरातल पर दिखाई दिया है जबकि वन विभाग व जलशक्ति विभाग पर्यावरण विभाग व लोक निर्माण विभाग व अन्य विभाग व राजस्व विभाग के फील्ड में काम करने वाले मुलाजिम व पंचायती राज संस्था के पंचायत सचिव भी इस मामले में आज तक जागरूक नहीं हो सके। यह एक मुख्य प्रश्न आम जनता की जुबान पर चर्चित है। ऐसे में लोगों का कहना है कि सरकारी तंत्र व माफिया की मिली भगत से आज़ भी अवैध खनन पर लगाम नहीं लग सका है।

 

आज़ भी चक्की उप-नदी में भाजपा सरकार के शासन से अवैध खनन आज भी जारी है। नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव खन्नी परगना नक्की कंडवाल लखनपुर व इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के गांव लोधवा हिलाल भदरौहा माजरा तक के इलाकों से गुज़रने वाली चक्की उप-नदी में इतना अवैध खनन हो चुका है कि कुछ जगहों पर उप नदी काफी फुट गहरी हो चुकी है। आधुनिक मशीनों के माध्यम से यह काम रात के अंधेरे में किया जाता है। ऐसा लोगों का यहां पर कहना है। अगर भविष्य में इस पर सरकार ने लगाम नहीं लगाया तव यह क्षेत्र वाली के हिसाब से काफी बंजर हर काम में हो जायेगा।जल शक्ति विभाग की काफी जनहित योजनाएं इस अवैध खनन का शिकार धरातल पर हो चुकी है। कृषि के क्षेत्र में उपजाऊ भूमि बंजर वन गयी है। ऐसा नहीं कि नुरपुर जिला पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न के निर्देश पर मौजूदा सरकार ने यहां पर अवैध खनन को रोकने के लिए गैर राजनीतिक नजरिए से जनहित में काफी सशक्त क़दम उठाए हैं जवकि शेष सम्बंधित विभाग के अधिकारी इस मामले में आखिरकार मूकदर्शक क्यों वने हुए हैं।

कुछ क्षेत्रों में अवैध खनन दिन रात पंजाब हिमाचल प्रदेश की सीमा के बीच रहने वाली चक्की उप-नदी में बिना खौफ के इसलिए हों रहा है कि दोनों राज्यों के बीच इस मामले में राजस्व लाइनों की निर्धारण न होना है जिसका लाभ खनन माफिया उठा रहा है। इस मामले में वोट की राजनीति भी काफी सशक्त है। क्षेत्र के नेताओ ने अपने वोट बैंक पर पकड़ रखने के लिए युवाओं को रोजगार देकर उनको भी अवैध खनन के लिए मजबूर कर दिया है। बैंकों के माध्यम से टैक्टर व ट्रकों के लोन भारत सरकार की योजनाओं की आड़ में यह सेवक सिखाया है। आखिरकार हिमाचल प्रदेश में ई डी इस मामले की जांच जिला ऊना में कर रही है जिसमें नुरपुर में तैनात एक माइनिंग विभाग के अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया जव यह अधिकारी उस समय उना जिला में तैनात था।

गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी राकेश प्रजापति जव नुरपुर में एस डी एम के पद पर थे उस उन्होंने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए दोनों राज्यों के उच्च स्तर पर एक बैठक करवाई थी स्व कुछ हो गया था लेकिन मामले को अमलीजामा नहीं पहनाया गया जिसका खमियाजा अब जनता भुगत रही है।

संवाददाताः विनय महाजन

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