देश में कोयले की कमी से बिजली पर संकट, इन राज्यों में सबसे ज्यादा असर

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

देश इस समय कोयले की समस्यां से जूझ रहा है। देश के उपस्थित कोयला भंडारों में कोयले की कम चल रही है। इस संकट का सबसे ज्यादा असर बिजली प्लांट पर पड़ा है। मौजूदा समय की स्थिति को देखते हुए भारत में कोयला संयंत्रों भंडारों में बहुत कम समय तक बचा है जिसके कारण कई राज्यों में थर्मल प्लांट बंद होने की कगार पर पहुंच गए है। राजधानी दिल्ली में सिर्फ एक दिन का कोयला बचा है तो पंजाब के थर्मल प्लांटों में सिर्फ दो दिन का कोयला शेष है। शनिवार को जरूरत के मुकाबले आधी बिजली का उत्पादन ही हो सका, जिसकी वजह से छह घंटे तक कटौती करनी पड़ी।

जम्मू-कश्मीर में भी छह घंटे बिजली कटौती हुई है। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में आठ से दस घंटे की कटौती हो रही है। गुजरात, राजस्थान, और तमिलनाडु सहित कई अन्य राज्यों में बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर तुरंत समस्या का समाधान निकालने की अपील की है। उन्होंने पत्र में उन बिजली संयंत्रों में कोयले की उपलब्धता की जानकारी दी है, जिनसे दिल्ली को बिजली मिलती है।

उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार संयंत्रों के पास कोयले का लगभग 20 दिन का भंडार होना चाहिए, लेकिन यह कम होकर एक दिन का रह गया है। इस कारण गैस आधारित बिजली संयंत्रों पर निर्भरता बढ़ी है, लेकिन उनके पास भी पर्याप्त गैस नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। इस बीच, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड टीपीडीडीएल ने उपभोक्ताओं को एसएमएस भेजकर संभावित बिजली कटौती को लेकर सचेत किया है।