उज्जवल हिमाचल। शिमला
आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर शिमला में महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी ने विभिन्न विभागों व आउटसोर्स कंपनियों के साथ बैठक आयोजित की। जिसमें विभागों, बोर्ड और कंपनियों से 3 फरवरी तक कर्मचारियों का रिकॉर्ड मांगा गया है। उसके बाद सरकार कर्मचारियों को लेकर नीति निर्धारण करने का फैसला लेगी।
हिमाचल प्रदेश में 25 हज़ार के लगभग आउटसोर्स कर्मी है। जिनको क़रीब 125 कंपनियां संचालित करती है। इन कंपनियों की मनमानी, पैसे के हेरफेर की मिल रही शिकायतों व आउटसोर्स कर्मियों के दबाब के चलते आउटसोर्स कर्मियों के लिए सरकार नीति बनाने की बात कह रही है।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया की 3 फरवरी तक कंपनियों और विभागों से ब्यौरा मांगा गया है। उसके बाद किसी नतीज़े तक पहुंचा जाएगा। मंत्री ने बताया कि कंपनियों से आउटसोर्स कर्मियों का रिकॉर्ड मांगा गया गया। जिसमें पीएफ़, जीएसटी व अन्य वितीय व दूसरा लेखा जोखा शामिल है।सरकार ने कंपनियों द्वारा कर्मचारियों का शोषण न होने देने की बात सुनिश्चित करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी पिछले कई साल से सरकार विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं परंतु इनको स्थायी करने के लिए कोई नीति नहीं है। बताते हैं कि ये कर्मचारी निजी कंपनियों के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये कर्मचारी ठोस नीति बनाकर रेगुलर करने की मांग कर रहे हैं।