सलाद से गायब हो रहा खीरा

विनय महाजन। नूरपुर

बरसात के सीजन में नूरपुर क्षेत्र में बहुतायत में पाया जाने वाला खीरा जो कभी 5 से ₹10 किलो बिका करता था आज इसके परचून दाम ₹60 से ऊपर मार्केट में बिक रहा है। इसकी कीमतों ने पिछले सारे बरसात के रिकॉर्ड को तोड़ डाला है। खीरे के बढ़ते दामों के चलते आम लोगों की रसोई से खीरा गायब हो रहा है।

वहीं, डाबो रेस्तरां आदि में सलाद के नाम से मात्र प्याज ही परोसा जा रहा है। जसूर सब्जी मंडी में खीरे के रेट ₹40 से ऊंचे जा रहे हैं। आढ़तिये खीरे के दाम में इतनी वृद्धि का कारण उत्पादन कम व मांग का ज्यादा होना बताया जा रहा है। परचून भाव ₹60 के ऊपर जाने से सब्जी विक्रेता भी अपने पास इसका थोड़ा स्टॉक रख रहे है। सब्जी विक्रेता काका, गौरव, श्याम सिंह, रविंदर आदि ने कहा कि खीरे के प्रति किलोभाव ₹60 के ऊपर जाने से लोग काफी कम मात्रा में खरीद रहे हैं।

नूरपुर हलके के क्षेत्र बंरडा, रिट, रप्पड़, चरुड़ी पंचायतों के अलावा, छोंछ खड्ड के किनारे खीरे का व्यापक उत्पादन होता था। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष कैप्टन सुरेश पठानिया का मानना है कि मार्च-अप्रैल में सामान्य से ज्यादा गर्मी होने के कारण क्षेत्र में अधिकांश खीरे की बेले सूख गयी थी। जिसके चलते खीरा लगने की प्रक्रिया प्रभावित हुई।

वहीं, वरड़ा क्षेत्र में खीरे का उत्पादन ज्यादा मात्रा में शुरू नहीं हुआ है। कम आपूर्ति कारण खीरे के अच्छे दाम किसानों को मिले हैं। वहीं, पंजाब क्षेत्र का व्यापारी इस क्षेत्र के पहाड़ी खीरे की अच्छी गुणवत्ता के चलते सीधे किसानों से खीरा खरीदने को प्राथमिकता दे रहा है।

जिसके चलते मंडी में खरीदने व बेचने से आढ़तियों को देने बाली आढ़त से व्यापारी व किसान दोनों को इसका फायदा मिल रहा है। अच्छे मिल रहे दामों से किसान वर्ग खासा उत्साहित है। इस नगदी फसल का भविष्य अच्छा है तथा युवा वर्ग इसकी खेती के लिए आकर्षित हो रहा है।