मसाला फसलों का उत्पादन कर बढ़ाएं अपनी आर्थिकी : मुनीष कुमार

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

हिमाचल प्रदेश में मसाला फसलों की खेती की अपार संभावनाएं हैं। किसान अनाज, सब्जी और फल-फूलों के खेती के साथ मसाला फसलों का उत्पादन कर अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र में नौणी स्थित औद्योगिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के तहत मसाला फसलों पर आयोजित सेमीनार में प्रोद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुनीष कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए यह बात कही। सेमीनार में सुंदरनगर, बल्ह, सदर, धर्मपुर व सराज विकास खंडों के करीब 140 किसानों ने भाग लिया।

डॉ. मुनीष ने कहा कि भारत मसाल फसल उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। विभिन्न मसालों का निर्यात दूसरे देशों में किया जाता है। उन्होंने मंडी जिला में उगाई जा रही ग्रीष्मकालीन सब्जियों के लिए किसानों को आधुनिक तकनीकी अपनाने का आह्वान किया। व्रिश्विद्यालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र भारत व बीज विज्ञान एवं प्रोद्याैगिकी विभाग के डॉ. रोहित वर्मा ने किसानों को मसाला फसलों के साथ एकीकृत रोग प्रबंधन बारे जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने किसानों का आह्वान किया कि वे कृषि विज्ञान केंद्र के संपर्क रहते हुए नवीन वैज्ञानिक तकनीकों का फायदा उठाएं।

केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शकुंतला राही ने कहा कि बंदर प्रभावित क्षेत्रों के किसान हल्दी और अदरक की खेती को अपना सकते हैं। डॉ. कविता शर्मा ने विभिन्न मसालों के पोषक व औषधीय गुणों और प्रसंसकरण व मूल्य संवर्धित उत्पादों पर प्रकाश डाला। इस दौरान किसानों को ग्रीष्मकालीन सब्जियों के बीज व कृषि साहित्य भी वितरित किए गए। सेमीनार में तकनीकी सहायक रुप सिंह, शेर सिंह, डॉ. एलके शर्मा, डॉ. कल्पना, डॉ. शिवानी व डॉ. दिनेश यादव भी मौजूद रहे।