ठंडे बस्ते में पड़ा आदि हिमानी चामुंडा में पार्क तथा हट बनाने का प्रोपोजल

उज्जवल हिमाचल। योल

आदि हिमानी चामुंडा मंदिर की कई प्रस्तावित योजनाएं अभी तक भी सिरे नहीं चढ़ पाई हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण योजना मंदिर के समीप 22 कनाल जमीन जो खाली पड़ी है। उसमें पार्क और हट बनाने की योजना अभी भी खटाई में हैं। वर्ष 2016-17 के दौरान मंदिर परिसर के समीप ही चंद्रधार पर्वत श्रृंखला पर वन विभाग ने करीब 22 कनाल भूमि मंदिर को हस्तांतरित कर दी थी। इसकी वजह यह भी थी कि आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के अपने नाम केवल आठ मरले भूमि जिसे राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक अहले हदूद के दायरे में दर्शाया गया है।

क्योंकि प्राचीन मंदिर का गर्भगृह 13 फरवरी 2013 को प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गया था। इसके बाद मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया गया। वहीं, हिमानी चामुंडा मंदिर को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए रोपवे, हैली टैक्सी सेवा जैसी योजनाएं पहले ही फ्लाफ होकर रह गई हैं। वहीं, खाली पड़ी भूमि पर पार्क तथा हट बनाने की प्रोपोजल भी ठंडे बस्ते में पड़ गई। हालांकि इसी दौरान भूमि की तारबंदी करने के लिए भी तीन‌ वर्ष पहले मदिर न्यास बैठक में 22 लाख रुपए के बजट को मंजूरी दी गई थी, लेकिन वह भी फाइलों में ही सिमट गई। यही हाल मंदिर पुनर्निर्माण कार्य का है।

पिछले चार वर्ष से कछुआ चाल ही रहा। बहरहाल मंदिर प्रशासन हिमानी चामुंडा अधूरी पड़ी योजनाओं को गति देने की दुहाई देकर पल्ला झाड़ लेता, लेकिन वास्तव में इन मामलों पर गंभीरता से विचार करने का प्रयास करने जरूरत है। एसडीएम धर्मशाला एवं सहायक मंदिर आयुक्त डॉ. हरीश गज्जू ने बताया कि कोरोना काल के दौरान विकास कार्यों मे तेजी लाने के लिए विलंब हुआ है, अब सभी विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं।