पर्यावरण सरंक्षण के लिए जन जागरूकता जरूरी: राकेश पठानिया

विनय महाजन। नूरपुर 

नूरपुर वन, युवा सेवाएं एवंम खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। जिस का असर दुनिया की बेहद खूबसूरत जगहों पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना होगा।

यह विचार उन्होंने आज नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की गहीं लगोड़ पंचायत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित पौधारोपण अभियान कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि बोलते हुए व्यक्त किए। इस मौके पर उन्होंने आंबले का पौधा लगा कर अभियान का शुभारंभ किया। स्थानीय राजकीय आर्य डिग्री कॉलेज, आईटीआई के बच्चों सहित प्रशासन व स्थानीय जनता ने भी पौधरोपण में भाग लिया।

राकेश पठानिया ने कहा कि युवाओं के पौधरोपण अभियान के साथ जुड़ने से ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ जारी लड़ाई में काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने युवाओं से प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के लिये पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में आगे आने तथा आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों से वन संरक्षण के साथ- साथ जल सरंक्षण को भी जन आंदोलन बनाने की अपील की है।

उन्होंने लोगों से अपनी निजी भूमि पर अधिक से अधिक औषधीय तथा फलदार पौधे लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसे पौधे लगाने से जहां हमारा पर्यावरण स्वच्छ होगा वहीं इसके उत्पादों की विक्री से हमारी आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों से अपने-अपने स्तर पर अधिक से अधिक पेड़ लगाने व इस मुहिम को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने तथा पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी आगे आने का आह्वान किया।
वन मंत्री ने अग्निवीर योजना पर बोलते हुए कहा कि युवाओं के लिए यह योजना उनके जीवन मे आगे बढ़ने के साथ देश सेवा के लिए एक सुनहरा मौका है।

एसडीएम अनिल भारद्वाज, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा, बीडीओ श्याम सिंह, नगर परिषद अध्यक्ष अशोक शर्मा (शिवू), रेंज ऑफिसर शशि पाल,लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता जेएस राणा, जलशक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता अमित डोगरा, पंचायत प्रधान आशा देवी, भाजपा जिला एसटी मोर्चा अध्यक्ष अमित शर्मा, ठेकेदार सरवन सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी, व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।