हिमाचल दिवस पर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के हाथ लगी थी निराशा : धैर्य सुशांत

एनपीएस के खिलाफ पिता के अनिश्चित कालीन धरने में पुत्र ने सरकार को घेरा

संजीव कुमार। नूरपुर

फतेहपुर में पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत के पिछले 28 दिनों से चलते आ रहे अनिश्चित कालीन धरने में रविवार को धैर्य सुशांत ने एनपीएस मुद्दे को लेकर जयराम सरकार के प्रति खूब भड़ास निकाली । राजन सुशांत आज उपवास पर थे और साथ ही मां का जागरण भी चल रहा था । उसके बाद धैर्य सुशांत ने मंच के माध्यम से कहा कि प्रदेश में एनपीएस में एक लाख से अधिक कर्मचारी हैं । मुख्यमंत्री से मिले थे उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन भी दिया था 15 अप्रैल को सभी की समस्याओं का हल भी होगा। जिस पर संघ के नेताओं ने विश्वास भी किया था लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को हिमाचल दिवस भी निराशा ही उनके हाथ मे लगी ।

बोले, प्रदेश की गूंगी बहरी सरकार ने ओपीएस लागू करना तो दूर धरने का हाल जनना उचित नहीं समझा

प्रदेश में पूर्व में रही सरकारे कांग्रेस, भाजपा में एक रिवाज होता था उन सरकारों में रहे पूर्व मुख्यमंत्रियो, राजा वीरभद्र सिंह, प्रेम कुमार धूमल , शांता कुमार , राम लाल हिमाचल दिवस पर प्रदेश के कर्मचारियों को एक तोफा देते थे , लेकिन 2021 में हिमाचल दिवस पर कर्मचारियों को कुछ भी नहीं दिया गया । जिस के चलते प्रदेश के कर्मचारियों मायूस नजर आ रहे हैं ।

एक देश दो कानून कैसे हो सकते हैं प्रदेश के कर्मचारियों को एनपीएस में रखा जा रहा हैं विधायकों और सांसदों को ओपीएस में क्यों ? धैर्य सुशांत ने कहा कि मेरे पिता डाक्टर राजन सुशांत 05 अगस्त 2020 को अपनी पेंशन छोड़ चुके हैं तो बाकी भी विधायक , सांसद , मंत्री अपनी पेंशन को छोड़ कर एनपीएस में आ जाएं। जब कर्मचारियों को ओपीएस नहीं लागू की जाती तब तक नेता भी अपनी पेंशन छोड़ दें ।