उज्जवल हिमाचल। शिमला
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की आवाज दबाने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा है कि सरकार की कमियों व जनसमस्याओं को उजागर करना मीडिया का प्रमुख कार्य होता है पर दुर्भाग्य से केंद्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अपने खिलाफ न तो कुछ देखना ही चाहती है और न ही कुछ सुनना। कुलदीप सिंह राठौर ने एक निजी टीवी चैनल के उस स्ट्रिंग ऑपरेशन पर जिसमें उन्होंने प्रदेश में कोरोना कफ्र्यू को लेकर ट्रंप और अमिताभ बच्चन के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवा कर बगैर जांच पड़ताल के ऑन लाइन परमिशन देने के खुलासे को जग जाहिर किया था,उस पत्रकार पर एफआईआर दर्ज करने पर आपत्ति जताई है।उन्होंने कहा है कि यह किसी भी पत्रकार के अधिकार का हनन है,क्योंकि व्यवस्था की कमियों और सरकार की लापरवाही को लेकर पत्रकार पहले भी ऐसे स्ट्रिंग ऑपरेशन करते रहें है।उन्होंने कहा कि उक्त पत्रकार की खबर के बाद जयराम सरकार ने इस खामी की ओर ध्यान दिया। राठौर ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार की व्यवस्था पहले सी ही आधी अधूरी रही। यही कारण है कि आज प्रदेश में इस संक्रमण का फैलाब दिनों दिन बढ़ रहा है।कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर प्रदेश में सरकार की खामियों को लेकर पत्रकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पहले दौर में भी प्रदेश में कुछ पत्रकारों पर सरकार ने ऐसा ही दवाब बनाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि सरकार की यह दमन की नीति ज्यादा समय तक नही चलने वाली।उन्होंने मांग की है कि अब तक जितने भी पत्रकारों पर ऐसे मामलें बनाए गए है उन्हें तुरंत रद्द किया जाए। कांग्रेस पत्रकारों के साथ खड़ी है और उनके साथ किसी भी अन्याय को सहन नही करेगी।
डिपुओं का राशन महंगा कर सरकार ने तोड़ी जनता की कमर
शिमला–कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में बढ़ती महंगाई के लिए सरकार को कोसते हुए कहा है कि एक तरफ लोगों पर कोरोना की मार,ऊपर से बढ़ती बेरोजगारी और उसके बाद अब डिपुओं से मिलने वाले सस्ते अनाज की दरों में बढ़ोतरी से सरकार ने लोगों की कमर ही तोड़ दी है। उन्होंने कहा है कि इस महामारी के दौर में सरकार ने लोगों को कोई भी राहत नही दी है,उल्टे बिजली, पानी,बस किरायों में बृद्धि कर अपनी तिजोरी भरने में लगी है। राठौर ने पीडीएस के तहत डिपुओं से मिलने वाले सस्ते राशन तेल,दालों के मूल्यों में बढ़ोतरी पर आपत्ति जताते हुए इसे जनहित में वापिस लेने की मांग सरकार से की है।उन्होंने कहा कि आज जब प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते लोगों के काम धंधे बंद हो गए है,लोग बेरोजगार हो गए है,ऐसे में उन्हें बढ़ती महंगाई से राहत दी जानी चाहिए, न कि महंगाई।
राठौर ने डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल में एकमुश्त 57 रुपये की बृद्धि और चने व मलका की दाल में 10 से 18 रुपये की मूल्य बृद्धि को पूरी तरह अनुचित ठहराया है।उन्होंने कहा है कि सरकार का यह निर्णय लोगों के प्रति उनकी सम्वेदनहीनता को ही दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आज जिन कठिन परिस्तितियां में लोग अपना और अपने परिवार का लालन पालन कर रहें है उस पीड़ा का भाजपा सरकार को कोई अहसास नही है।भाजपा के नेता आपदा में अबसर तलाश रहें है।