रेल मंत्रालय से किशन कपूर ने डलहौज़ी को रेल लाइन से जोड़ने का किया अनुरोध

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर ने रेल मंत्रालय से चंबा ज़िला के प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं पर्यटन नगर डलहौज़ी को रेल मार्ग से जोड़ने के प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि पठानकोट से डलहौज़ी की दूरी मात्र 81 किलोमीटर है और इस शहर को रेल मार्ग से जोड़ने से हिमाचल प्रदेश का आकांक्षी जिला चंबा भी रेल मार्ग से जुड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि डलहौजी को रेल मार्ग से जोड़ने के संबंध में रेल मंत्री को पत्र द्वारा भी अनुरोध किया गया है और आगामी संसद-सत्र में यह मामला वह संसद में भी उठाएंगे।

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गत दिवस चंडीगढ़ में रेलवे के फिरोज़पुर मंडल द्वारा आयोजित बैठक को संबाेधित करते हुए सांसद किशन कपूर ने कहा कि फिरोज़पुर मंडल के अंतर्गत पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल लाइन के रख-रखाव और संचालन का दायित्व है, लेकिन यह रेल मार्ग सदैव ही उपेक्षित रहा है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों द्वारा 1927 में निर्मित यह रेल लाइन लगभग 100 वर्षों में एक इंच भी इधर से उधर नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल लाइन पर पहले सात ट्रेनें चलती थी, जिनमें से केवल चार ट्रेनें ही पुनः चलाई गई हैं, जबकि शेष तीन ट्रेनों को पुनः प्रारंभ नहीं किया गया है। इस रेल लाइन पर कुछ रेलवे फ़ाटक ऐसे हैं, जहां फाटक बंद होने के कारण सदैव यातायात बाधित रहता है।

चक्की बैंक और इंदौरा के समीप मोटली रेंप रेलवे फ़ाटक इसके जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि मोटली रेंप रेलवे फ़ाटक पर दोहरा रेल मार्ग होने के कारण ट्रेनों की अधिक आवजाही रहती है, जिसके कारण यातायात बाधित होता है। उन्होंने मोटली रेंप रेलवे फ़ाटक पर अंडर ग्राउंड पुल बनाने का भी फिरोज़पुर मंडल से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि लोगों को इन फाटकों के अकसर बंद रहने की वज़ह से भारी असुविधा होती है, जब रेल मंत्रालय से इस विषय में बात की जाती है, तो विभिन्न प्रशासनिक अड़चनों का हवाला देकर मामला बरसों-बरसों तक लटका रहता है।

कांगड़ा घाटी की नैसर्गिंक आभा के प्रति पर्यटकों को आकर्षित करने पर फिरोज़पुर रेल मंडल को सांसद किशन कपूर ने सुझाव दिया कि कांगड़ा घाटी रेल मार्ग पर रेल मंत्रालय विभिन्न तीर्थाटन पैकेज बना कर यात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव मंत्रालय को अनुमोदन के लिए प्रेषित कर सकता है। उन्होंने कहा है कि कांगड़ा के विश्व ख्याति प्राप्त शक्तिपीठों के दर्शन के लिए देश-विदेश से तीर्थ यात्री आते हैं। इसके अतिरिक्त कई अन्य विशेष मंदिर भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि महामिहम दलाई लामा के धर्मशाला में वास के कारण बौद्ध पर्यटकों में भी कांगड़ा घाटी के प्रति आकर्षण बढ़ा है।

सांसद किशन कपूर ने कहा कि चंबा और कांगड़ा ज़िला में सैनिक परिवारों का बाहुल्य है। इन परिवारों के सदस्य सेना में कार्यरत अपने सगे-संबंधियों से मिलने के लिए रेल-सेवाओं का उपयोग करते हैं। इन परिवारों की सुविधा के लिए चंबा और ज्वालामुखी में रेल टिकट आरक्षण काउंटर खोलने की भी फिरोज़पुर मंडल द्वारा मंत्रालय को संतुति की जानी चाहिए। पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल लाइन पर चलने वाली ट्रेनों के डिब्बों को आरामदेह बनाने का भी रेल मंत्रालय को प्रयास करना चाहिए। फिरोज़पुर रेलवे मंडल के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल लाइन पर शेष ट्रेनें भी शीघ्र चालू कर दी जाएंगी।