नगर निगम में ओबीसी को आरक्षण नहीं देना शर्मनाक : राकेश चौधरी

नरेश धीमान। योल
हिमाचल की दूसरी राजधानी कहे जाने वाले धर्मशाला शहर में नगर निगम के रोस्टर पर बवाल मच गया है। नए रोस्टर में ओबीसी को एक भी वार्ड में आरक्षण न दिए जाने से अन्य पिछड़ा वर्ग में भारी गुस्सा है। धर्मशाला उपचुनाव में आजाद प्रत्याशी लडकऱ भाजपा-कांग्रेस की नाक में दम करने वाले राकेश चौधरी ने इस रोस्टर को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने बुधवार को प्रेस वार्ता में कहा कि वह इस एक्ट के नियमों को भलि भांति समझते हैं। नियमों में ही नगर निगम में ओबीसी को आरक्षण नहीं रखा गया है। एक बड़े शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि यह नियम ओबीसी को नीचा दिखाने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि ऐसे बेतुके नियम न बनाए जाएं, अन्यथा ओबीसी समुदाय संघर्ष पर मजबूर होगा। एक अन्य सवाल पर राकेश चौधरी ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस को धर्मशाला में सुचारू न करवा पाना यहां के नुमांइंदों की कमी है। उन्होंने कहा कि सीयू कोई राजनीति का मसला नहीं है। यह हजारों छात्रों के भविष्य का मसला है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले मोदी सरकार के मँत्री जावडेकर जदरांगल में सीयू का नींव पत्थर रख गए थे। उस समय उन्होंने बड़ी बातें कहीं थी, लेकिन इस मसले पर कुछ न हुआ। चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं को हिमाचल से सडक़ों के प्रोजेक्ट गंवाने के लिए भी जनता से माफी मांगनी चािहए। उन्होंने कहा कि गडकरी ने उस समय न जाने क्या क्या वादे किए थे, क्या प्रदेश सरकार के पास इन बातों का जवाब है क्या। इस दौरान उन्होने पासू में ओबीसी भवन और सब्जी मंडी का काम जानबूझ कर लटकाने के लिए प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी जताई।

स्मार्ट सिटी में नहीं हो रहे काम

राकेश चौधरी ने कहा कि स्मार्ट सिटी में लोगों के काम नहीं हो रहे हैं। नगर निगम में छोटे छोटे काम के लिए कई दिन लग रहे हैं। इसके अलावा शहर में लावारिस पशुओं की भरमार है। उन्होंने नगर निगम से पूछा कि आखिर वह क्यों इन पशुओं को गोसदन नहीं भेज पा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि धर्मशाला में चल रहे तमाम प्रोजेक्टों में तेजी लाई जाए।