शिक्षकों का सम्मान नहीं करते तो अपमान भी न करें मंत्री

एसके शर्मा। हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने कहा कि सूबे के वरिष्ठ नेता अगर शिक्षकों का सम्मान नहीं करना चाहते तो अपमान भी न करें। शिक्षक कभी साधारण नहीं होते क्योंकि प्रलय और निर्माण उनकी गोद में खेलते हैं। शिक्षक समाज का अपमान करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज, संघ प्रचारक ओम प्रकाश, प्रेस सचिव पवन रांगड़ा, जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविंद्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ. सुनील दत्त, नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप, शेर सिंह, पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण, अमित छाबड़ा व देशराज शर्मा ने प्रदेश मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से अपील की है कि शिक्षकों के कार्यों की रिपोर्ट वे अपने मंत्री को भी प्रदान करें, ताकि उनको शिक्षक वर्ग द्वारा कोरोना में किए कार्यों का ज्ञान हो जाए।

संघ ने कहा कि कोविड के दौरान शिक्षकों ने संगरोध केंद्राें में 2020 और 2021 में विविध ड्यूटियां दी, मगर एक वरिष्ठ मंत्री ने सार्वजनिक रैली में जनता से कहा जा रहा है कि शिक्षकों ने कोविड के दौरान खूब मज़े लिए, इस कथन, इस सोच और ऐसी भाषा की संघ भर्त्सना करता है। क्योंकि शिक्षकों ने कोविड के दौरान बखूबी पढ़ाया है और हर आदेश पर स्कूलों में ड्यूटी दी है। संघ ने कहा कि एक तरफ शिक्षकों का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति भी उनके चरण स्पर्श कर रहे हैं, मगर प्रदेश में इसके विपरीत हो रहा है और शिक्षक समाज इसका जवाब देगा।

संघ ने 35 वर्ष अनुभव वाले मंत्री से पूछा है कि लॉकडाउन में जब कोरोना चरम पर था, तब हर घर पाठशाला के तहत रोज़ बच्चे पढ़ाना, होमवर्क देना व जांचना, मिड-डे मील का राशन बांटना, स्कूलों में बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों को ठहराना और उनके लिए प्रबंधन, डाईट मनी बांटना, बच्चों को सरकारी वर्दी और स्टील बोतलें देना, बैरियर्स व अस्पतालों में, प्रशासनिक कार्यालयों में विविध ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के काम के बारे में मंत्री का कहना है कि उनको ये पता नहीं है कि शिक्षकों ने क्या काम किया और क्यों उनको फ्रंटलाईन वर्कर मानकर टीके लगाए जाएं। इस तरह की भाषा का प्रयोग दर्शाता है कि मंत्री महोदय शिक्षक समाज के प्रति कैसी विचारधारा रखते हैं और संघ उक्त मंत्री के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने और किसी भी कार्य हेतु उनसे न मिलने का ऐलान करता है।