लाेगाें के लिए सिरदर्द बनी गलाहड़ से कुट्टा सड़क

एक भी बरसात नहीं झेल पाई सड़क, गड्ढाें में हुई तबदील

विनय महाजन। नूरपुर

नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की पचायत बरड़ा के गांव गलाहड़ से कुट्टा की सड़क काफी समय से लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई थी। इस सड़क की मरम्मत के लिए क्षेत्र के लोगों को काफी इंतजार करना पड़ा था। भाजपा शासन मे जब इस सड़क काम आरंभ हुआ, तब लोगों ने विभागीय अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए राहत की सांस ली कि इस सड़क के अच्छे दिन आ चुके हैं, जब विभाग ने गर्मी के मौसम में सड़क का काम आरंभ किया। गर्मी के मौसम में निर्माणाधीन सड़क का काम पूरा हो गया तथा लोगों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होने लगी और लोग खुश होने लगे एक।

बरसात की मार नहीं झेल पाई सड़क। इसके निर्माण को लेकर लोगों ने अनेक प्रश्न तथा सरकार से की जांच की मांग। दुर्भाग्य यह रहा कि जिस सड़क का निर्माण विभाग लोक निर्माण द्वारा करवाया गया था, वह सड़क इस मौसम की एक भी वरसात नहीं झेल सकी तथा सड़क पुनः गड्ढाें में बदल गई, जिससे गांववासियों को पुनः उसी समस्याओं से जनहित में आज भी जूझना पड़ रहा है। क्योंकि आजकल स्कूलों के बच्चे पढ़ने वाहनों के माध्यम से जाते हैं। बीमार मरीजों के लिए पुनः सिरदर्दी बनी यह समस्या हर कदम पर आज इस गांव के निवासियों ने मजीत सिंह, योगेश, संदीप, दीपक व सुभाष इत्यादि ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर इस सड़क के निर्माण में उपयोग किए गए मैटेरियल की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उन दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की प्राथमिकता पर बल दिया है।

उध़र, नुरपुर के अधिशासी अभियंता जेएस राणा ने कहा है कि लोगों की समस्या का समाधान शीघ्र किया जाएगा। पानी की निकासी न होने के कारण सड़क टुटी हैं, जहां से सड़क टूटी है, वहां पर टायले भविष्य में लगाई जाएगी तथा सड़क के दोनों किनारों पर, पानी की निकासी के लिए नालियां वनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि विभाग की अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में जो सड़ंके बनी हुई है, उनमें सड़क के दोनों किनारों पर नालियां न होने से अधिकांश सड़केें बरसात में बह जाती हैं तथा जगह-जगह पर सड़ंके गड्ढाें के रूप मे बदल जाती है। इसे विभाग की लापरवाही कहा जाए या फिर कुछ और जिनको पता है कि बिना नालियों के सड़कें टुट जाएंगी।