एसोसिएशन ने नई एजुकेशन पॉलिसी के लिए सरकार का किया धन्यवाद

दिनेश धीमान। इन्दौरा

इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन (आइ. एस. ए.) के प्रेजिडेंट डॉ. गुलशन कुमार, वासु सोनी, अरविंद डोगरा, सुधांशु शर्मा, राकेश खेर, संजय शर्मा, किशोर महाजन, विशाल महाजन, राजीव शर्मा, ललिता कवर, नरेंद्र नारगं, नवदीप भंडारी, सुरेश शर्मा, कृष्णा अवस्थी, डॉ. छवि कश्यप, अनुप मेहता, पंकज लखनपाल पुरुषोत्तम शर्मा ने सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने सरकार द्वारा लाई न्यू एजुकेशन पॉलिसी का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक बड़े बदलाव किए गए हैं। हायर एजुकेशन के लिए सिंगल रेगुलेटर रहेगा (लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर)। उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी पहुंचने का लक्ष्य है। ई पाठयक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित की जा रही है और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम बनाया जा रहा है। देश में उच्च शिक्षा के लिए एक नियामक रेगुलेटर होगा, इसमें अप्रूवल और वित्त के लिए अलग-अलग वर्टिकल होंगे। वो नियामक ऑनलाइन सेल्फ डिसक्लोजर बेस्ड ट्रांसपेरेंट सिस्टम पर काम करेगा।

पढ़ाई की रूपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर तैयार की जाएगी। पहले 5 वर्ष प्री. नर्सरी से 2 कक्षा तक फिर 3 वर्ष 3 कक्षा से लेकर 5 कक्षा तक, अगले 3 वर्ष 6 कक्षा से 8 कक्षा तक इसमें अंतिम 4 वर्ष 9वीं से 12वीं तक शामिल हैं। इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। बच्चों को वोकेशनल एजुकेशन मिलेगी, जिसमें बच्चों को शारीरिक मानसिक बौद्धिक क्षमता विभिन्न विषयों की पढ़ाई होगी। आज के समय में जो बच्चे किताबी कीड़े है। उनको सर्वांग दिशा में उनकी वुद्धि विवेक को खोल दिया जाएगा, ताकि बच्चा अपनी रूचि के अनुसार विषय पढ़ेगा। आर्ट और कलचर सभी विषयों के साथ शिक्षा ग्रहण करेगा। नई शिक्षा नीति के अनुसार 6 वीं कक्षा से बच्चा व्यवसायिक शिक्षा का चयन कर सकता है। व्यवसायिक शिक्षा इंटरन भी कर सकता है। आर्ट इंटिग्रेटेड कोर्स फिजिकल एजुकेशन एंड डेवलपमेंट करिकूलर, कोकरिकुलर में नहीं रहेगा। नए विषयों के साथ बराबर का अधिकार मिल जाएगा।

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