ग्रामीणों की सरकार को चेतावनी, चड़ी PHC को बनाएं CHC नहीं तो जड़ देगें ताला

आशीष राणा। शाहपुर

शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चड़ी स्थित पीएचसी को सीएचसी का दर्जा देने की मांग जोर पकडऩे लगी है। क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने सरकार को 3 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि 3 फरवरी को जैसा की ज्ञात हुआ है कि मंत्रिमंडल की बैठक प्रस्तावित है। ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे निर्णय नहीं लिया गया तो ग्रामीणों के सहयोग से आंदोलन उग्र किया जाएगा। जिसके तहत पीएचसी में तालाबंदी करने के साथ चक्का जाम करने से भी ग्रामीण गुरेज नहीं करेंगे।

इसी कड़ी में शुक्रवार को पीएचसी चड़ी के बाहर जिला पार्षद पंकज कुमार पंकु के नेतृत्व में आसपास की एक दर्जन से अधिक पंचायतों के प्रतिनिधियों, महिला मंडल, युवक मंडल सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने रोष प्रदर्शन किया। पंकज कुमार ने कहा कि पीएचसी चड़ी पर एक दर्जन से अधिक पंचायतों की 50 हजार के करीब आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निर्भर है, यही वजह है कि इस संस्थान को सीएचसी के दर्जे की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है।

जिला पार्षद ने कहा कि पीएचसी में 11 बिस्तरों की व्यवस्था है, अस्पताल परिसर में डाक्टर्स सहित अन्य स्टाफ के लिए व्यापक व्यवस्थाएं हैं। वर्तमान में 14 कमरों में पीएचसी संचालित किया जा रहा है, लेकिन इन कमरों का भी पूरी तरह से सदुपयोग नहीं हो पाता। पूर्व में इस पीएचसी में प्रसव भी करवाए जाते थे, यहां पर लैब की सुविधा भी उपलब्ध है। यदि सरकार द्वारा जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसे सीएचसी का दर्जा दिया जाता है तो निश्चित तौर पर क्षेत्र की हजारों की आबादी को घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

ग्रामीणों की मांग पर शुक्रवार को सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेताया गया है कि 3 फरवरी तक इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की गई तो ग्रामीणों के सहयोग से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा तथा इसकी पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।