असहाय मां के लिए मसीहा बनकर सामने आए समाजसेवी सीताराम भारद्वाज

एसके शर्मा। बड़सर

उपमंडल बड़सर के तहत आने वाली ग्राम पंचायत जजरी के गांव ठाणा वार्ड नम्बर एक में पांच बेटे होने के बाबजूद भी 70 बर्षीय लक्ष्मी अकेले टूटे मकान में जिंदगी विताने को मजबूर है। उम्र के इस पड़ाव में जहां परिवार का सुख मिलना चाहिए था वहीं लक्ष्मी भूखे पेट सो कर किसी तरह जिंदगी के पल काट रही हैं। सरकार व प्रशासन ने भी इस बृद्धा को आज दिन तक न तो बीपीएल श्रेणी में डालना भी उचित नहीं समझा। इस खबर को उज्जवल हिमाचल में प्रमुख्यता से प्रकाशित किया था। खबर छापने के वाद बड़सर क्षेत्र के समाजसेवी सीताराम भारद्वाज ने तरपाल देकर लक्ष्मी की सहायता की है। वहीं एक बार फिर दानवीरों की सूची में आगे रहते हुए समाजसेवी सीताराम भारद्वाज ने बृद्धा लक्ष्मी की मजबूरी को देखते हुए मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने लक्ष्मी को एक तरपाल भेजा, जिससे लक्ष्मी के घर की छत्त से बारिश में टपकती बूंदों से बचाव हो सकें। उन्होंने लक्ष्मी को आगे भी हर सम्भव मदद देने बात कही है। वहीं लक्ष्मी ने भी बड़ी विनम्रता पूर्ण सीताराम भारद्वाज का धन्यवाद किया। बताते चलें कि ग्राम पंचायत जजरी में 70 बर्षीय लक्ष्मी पांच कलयुगी वेटों की अनदेखी के कारण अपनी बची हुई जिंदगी के पल गरीबी और कभी भी ढह जाने वाली छत्त के नीचे काट रही है।

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वहीं लॉक डाउन के चलते एक समाजसेवी संस्था राशन वितरित करते हुए लक्ष्मी तक पहुंची। तब जाकर उसकी व्यथा मालूम हुई। लक्ष्मी को बृद्धा पेंशन मिलती है। उसे प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत सालाना छरू हजार भी मिलते हैं और वह अकेली रहती है व खुद खाना बनाती है। लक्ष्मी का कच्चा मकान पिछले बर्ष बरसात में गिरा था। जिसमें एक कमरा बचा है, जिसकी छत्त से बारिश में पानी टपकता है। लक्ष्मी ने कहा कि लॉक डाउन में स्थानीय पंचायत द्वारा उन्हें कोई सहायता उपलब्ध नहीं करवाई गई। लक्ष्मी ने सरकार व प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उधर ग्राम पंचायत जजरी संतोष डोगरा ने बताया कि लक्ष्मी के पुत्र -पुत्रबधू उसे अपने साथ रखना चाहते हैं, लेकिन वह खुद उनके साथ नहीं रहती। पंचायत की तरफ से उन्हें हर सम्भव सहायता मुहैया करवाई जाती है। मकान ढहने पर 15 हजार मुरम्मत के लिए उन्हें सहायता राशि दी गई है। गृहणी योजना के तहत गैस चूल्हा दिया गया है। बीपीएल श्रेणी में 42 लोग सूची में हैं जो सभी पात्र परिवार में आते हैं।