टेस्ट सीरीज में हैरान करने वाले थे अंपायर के कुछ फैसले

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

बेन स्टोक्स ने अपने पहले ही ओवर की चौथी गेंद पर डेविड वार्नर को क्लीन बोल्ड कर दिया। हालांकि, अंपायर ने इसे नो बाल करार कर दिया। हैरान करने वाली बात ये नहीं थी कि गेंद नो बाल थी, बल्कि हैरान करने वाला विषय ये था कि जब पहली तीन गेंद नो बाल थीं, तो उन्हें नो बाल क्यों करार नहीं दिया गया। आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तहत भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली गई दो मैचों की टेस्ट सीरीज में अंपायर के कुछ फैसले हैरान करने वाले थे। ऐसा ही कुछ एशेज सीरीज के पहले मैच में भी देखा गया, जब अंपायर ने बेन स्टोक्स की उसी गेंद को नो बाल करार दिया, जिस गेंद पर उनको विकेट मिला।

यह भी देखें : सरकारी स्कूल की ज़मीन पर हो रहा था अवैध निर्माण, एसडीएम ने दिया एक महीने का अल्टीमेटम

यहां तक कि उसी ओवर की पहली तीन गेंद भी नो बाल दी जा सकती थीं, लेकिन अंपायर ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। दरअसल, बेन स्टोक्स ने क्रिकेट की दुनिया में वापसी की है और उन्होंने पहली बार जब गेंद को संभाला, तो उनके सामने डेविड वार्नर थे। वार्नर को जो पहली गेंद अपने ओवर की बेन स्टोक्स ने फेंकी वो नो बाल थी, लेकिन मैदानी अंपायर के अलावा थर्ड अंपायर ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। वहीं, जब दूसरी गेंद उन्होंने फेंकी तो इस पर चौका गया और इस बार भी गेंद नो बाल थी, क्योंकि उनका पैर क्रीज से बाहर था। तीसरी गेंद भी नो बाल थी।

अगर स्टोक्स को पहले ही इस बात की जानकारी हो जाती कि उनका पैर आगे जा रहा है तो वे पैर को पीछे रखते और टीम को विकेट मिलता। हालांकि, थर्ड अंपायर का इस तरह से गेंद को नजरअंदाज करना सही नहीं है। जब आपको अधिकार मिला हुआ है कि आप बाद में भी गेंद को देख सकते हैं, तो फिर इस तरह की गलती कैसे की जा सकती है। वहीं, डेविड वार्नर जब आउट हुए थे तो उस समय 17 रन के निजी स्कोर पर थे, लेकिन खबर लिखे जाने तक उन्होंने अर्धशतक जड़ दिया है।