प्रदेश में पहले से ही लागू हैं नई शिक्षा नीति के क़ुछ प्रमुख बिंदु : भंडारी

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

नई शिक्षा प्रणाली 5+3+3+4 के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की झलक हिमाचल प्रदेश के वर्तमान शिक्षा मॉडल में स्पष्ट दिखाई देती है। मसलन तीन वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों का प्रवेश यानी प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन मौजूदा जयराम ठाकुर ने प्रदेश में शुरू किया है, जिसके परिणाम उत्साहवर्धक रहे हैं। यह बात हिमाचल प्रदेश स्कूल लेक्चरार संघ के पूर्व राज्य अध्यक्ष कल्याण भंडारी ने प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 933 राजकीय वरिष्ठ माद्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक और राजकीय महाविद्यालयों में वोकेशनल एजुकेशन प्रदान की जा रही है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कक्षा छठी से व्यवसायिक शिक्षा देना प्रस्तावित है। साथ ही स्नातक स्तर की शिक्षा में छूट के विकल्प दिये गए हैं, जो कि वर्तमान में कॉलेज स्तर पर दी जा रही वोकेशनल शिक्षा में पहले से ही उपलब्ध हैं, जिनके एवज़ में किसी पड़ाव पर शिक्षा छोड़ देने की स्थिति में कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि अलग अलग स्तर पर क्रमशः सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री हासिल होगी।

कल्याण भंडारी ने आगे कहा कि स्कूलों को डिजिटल सुविधाओं से लैस कर ई-लर्निंग को बढ़ाबा दिया जाएगा। इस क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश बेहतर स्थिति में है। क्योंकि सूबे के अधिकांश शिक्षा मंदिरों को कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है और वर्च्युअल क्लासरूम भी स्थापित किए गए हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूर्णरूपेण लागू करने की दिशा में बेहतर तरीके से आगे बढ़ेगा।