अधूरे पराला सेब प्रोसेसिंग यूनिट के उद्घाटन की जल्दी में CM जयराम: सौरभ चौहान 

उज्जवल हिमाचल। शिमला

वर्तमान सरकार की लचर प्रशासन व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। पराला में बनने जा रही सेब प्रोसेसिंग यूनिट इसका जीता-जागता उदाहरण है। प्रोसेसिंग यूनिट के लिए ना तो पानी का उचित प्रबंधन हो पाया है और ना ही प्रोसेसिंग से निकलने वाले एप्पल वेस्ट का। इन मूलभूत सुविधाओं के आभाव में ही सीएम जयराम को इस प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन करने की जल्दी लगी है। भाजपा सरकार केवल राजनीतिक लाभ के लिए बागवानों को गुमराह करने की तैयारी कर रही है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सौरव चौहान ने जयराम सरकार को घेरते हुए कहा है कि सेब सीजन की शुरुआत में ही भाजपा सरकार के लचर प्रशासन के कारण पराला मंडी में बागवानों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। सीजन की शुरूआत में ही ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आने लगी है। जाम की समस्या को हल करने के लिए प्रशासन द्वारा उचित खाका नहीं किया गया। यहां तक कि बाजार के अंदर पीने के पानी तक कि व्यवस्था नहीं है, सेब के डिब्बे उतारने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। सेब बाजार के बाहर लगे लंबे जाम ने सेब उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

सौरव चौहान ने राज्य के सेब उत्पादकों के प्रति उदासीन रवैए के लिए जयराम के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। सरकार 5000 करोड़ की सेब अर्थव्यवस्था के बारे में क़तई चिंतित नहीं है। सरकार द्वारा इस उचित प्रबंधन की कमी के कारण राज्य के बागवानों को भारी नुकसान हो सकता है।

उन्होंने कहा कि चुनावी स्टंट के रूप में भाजपा सरकार पराला में स्थापित सेब प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन करने के लिए बेताब है, लेकिन प्रसंस्करण संयंत्र की वास्तविकता यह है कि इसके लिए उचित सड़क की हालात ख़स्ता है, सरकार ने प्रसंस्करण संयंत्र से वेस्ट मैनेजमेंट के मेकेनिजम के लिए कोई पर्याप्त ख़ाका नहीं है और प्रोसेसिंग यूनिट के लिए पानी की पर्याप्त सुविधा नहीं है।

सौरव ने कहा है कि सरकार द्वारा ट्रकों और अन्य वाहनों के लिए उचित पार्किंग उपलब्ध नहीं कराने के कारण यात्री घंटों जाम में रहते हैं और इसलिए लोग अपने वाहनों को सड़क पर पार्क करते हैं, जिससे रोजाना लंबा जाम लग रहा है। पिछले साल भी पराला मंडी में ट्रैफिक जाम के कारण एक एंबुलेंस के फंस जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पिछले वर्षों में हुई अनहोनी से सबक न लेते हुए सरकार को अभी भी इस बात का एहसास नहीं है कि सड़क को हर समय खुला रखना कितना महत्वपूर्ण है।