प्रदेश सामान्य वर्ग के संयुक्त मंच की 12 को भूख हड़ताल व 20 को करेंगे शिमला में रैली

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश सामान्य वर्ग के संयुक्त मंच ने 12 को भूख हड़ताल व 20 अप्रैल को शिमला में बड़ी रैली करने का फ़ैसला सर्वसम्मति से लिया है। यह फ़ैसला महाराणा प्रताप भवन कांगड़ा में हुई बैठक में लिया गया है। बैठक में संयुक्त मंच की प्रदेश कार्यकारिणी के शीर्ष पदाधिकारियों तथा संबंधित सभाओं, विशेषकर ब्राह्मण सभा, राजपूत व क्षत्रिय सभाएं, महाजन सभा, सूद सभा तथा आहलूवालिया सभा आदि के वरिष्ठ सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में सभी समुदाय के सदस्यों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 12 अप्रैल को शिमला में भूख हड़ताल व 20 अप्रैल को एक बड़ी रैली के आयोजन हेतु रूपरेखा तैयार की और इन कार्यक्रमों में प्रदेश के सभी जिलों से सामान्य वर्ग के लोगों विशेषकर महिलाओं व युवाओं को आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में शिमला पहुंचकर इस रैली को सफल बनाएं।

बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा राजपूत महासभा व सामान्य वर्ग संयुक्त मंच को उनके अपने आश्वासन के बावजूद पिछले 3 वर्ष में कोई भी औपचारिक बैठक न बुलाने पर गहरी चिंता व्यक्त की और एक बार फिर इस बैठक को शीघ्र बुलाने का आग्रह किया, ताकि सामान्य वर्ग से जुड़ी उनकी चीर लंबित समस्याओं का न्यायोचित समाधान निकाला जा सके। इसी के साथ सदस्यों ने सरकार से सामान्य वर्ग के राजपूत व ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की पिछले 3 वर्ष में एक भी बैठक न बुलाने की भी कड़ी निंदा की और इन बोर्डों को गठित करने के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगाए।

बैठक में संयुक्त मंच के चेयरमैन भूपेंद्र ठाकुर, प्रधान केएस जम्वाल, युवा विंग के प्रधान रूमित सिंह ठाकुर तथा महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष सुदेश राणा ने अपने संयुक्त वक्तव्य में सरकार से सामान्य वर्ग की चीरलंबित समस्याओं जैसा कि आरक्षण को आर्थिक आधार पर करने, 7 प्रतिशत वीपीएल के कोटे को सामान्य वर्ग के कोटे को एसएस टीकी तर्ज पर बहाल करने, एस/एसटी एट्रोसिटी एक्ट को समाप्त करने तथा इस पर अंधाधुंध धन आवंटन पर रोक लगाने, अनुसूचित जाति के साथ अंतरजातीय विवाह पर 2.5 लाख रुपए की भारी-भरकम राशि को बंद करने तथा बाहरी राज्यों के लोगों को उनके कोटे में सरकारी नौकरियों में सेंध लगाने से रोकने के लिए एसी/एसटी की तर्ज पर हिमाचली बोनाफाइड होने की शर्त लगाने आदि पर शीघ्र समाधान निकालने का आग्रह किया।

उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर हिमाचल में भी स्वर्ण आयोग का शीघ्र गठन करने के लिए भी सरकार से आग्रह किया अन्यथा सामान्य वर्ग के सदस्य विशेषकर महिला और युवा, आने वाले अप्रैल महीने में शिमला की प्रस्तावित विरोध रैली को सफल बनाने हेतू अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर अपने संघर्ष को जन आंदोलन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा संविधान की तरह ही केंद्रीय बजट को भी जाती के आधार पर बांटने की कड़ी निंदा की गई। हाल ही में प्रधानमंत्री ने अनुसूचित वर्ग के बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्कीम को 5 गुना बढ़ाकर इसके लिए 59 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च करने का फैसला लिया था, जिसके अंतर्गत प्रस्तुत केंद्रीय बजट में 36 हज़ार करोड रुपए का सीधा आवंटन कर दिया गया है, जबकि सामान्य वर्ग के गरीब व जरूरतमंद युवाओं को एक फूटी कौड़ी तक नहीं दी गई।

बैठक में सर्वसम्मति से बजट में भी ऐसे जाति आधारित बंटवारे को बंद करके इसे पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर करके सभी वर्ग के गरीब बच्चों के लिए एक समान लागू करने का अनुरोध किया गया ताकि सामान्य वर्ग के जरूरतमंद युवा भी अपने आप को किसी प्रकार से उपेक्षित महसूस न करें और वे भी उच्च शिक्षा से वंचित ना रह सके। बैठक में ब्राह्मण सभा के प्रदेश महासचिव शांति स्वरूप शर्मा, आहलूवालिया सभा के कर्नल रमेश वालिया, राजपूत कल्याण ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर, सभी के प्रदेश अध्यक्ष टेक चंद राणा, सीडी राणा, संयुक्त मंच के महासचिव जगरूप राणा, सूद सभा से भुवनेश सूद, खत्री सभा से सरिता हांडा, उषा ठाकुर, महाजन सभा से मनोहर लाल गुप्ता, विजय चंदेल, यश पठानिया, बाल चंद वालिया, जितेंद्र वशिष्ट, गुरचरण सिंह टोहरा, हेम सिंह ठाकुर, विशाल ठाकुर, रमेश मेहता, योगेश ठाकुर, दलीप सिंह ढटवालिया, प्रकाश ठाकुर, गुरचरण सिंह टोहरा, डीके चंदेल, सुभाष पठानिया, अजमेल सिंह वर्मा तथा डॉ. आरएस चंबयाल आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।