कोविड-19 महामारी से निपटने में प्रदेश सरकार विफल : प्रकाश चौधरी

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर
कोविड-19 महामारी से निपटने में विफल हुई प्रदेश सरकार ने हिमाचली जनता की जान जोखिम में डालकर रख दी है। यह बात जिला मंडी कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने कही। उन्होंने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने जिस गैर-जिम्मेदारी से महामारी को सचिवालय से लेकर हाईकोर्ट तथा प्रदेश में स्थित बड़े अस्पतालों तक को आफत में डाल दिया है, जोकि अपने आप में सरकार की नाकामी का ही सबूत है। भारतीय जनता पार्टी सरकार के राज में अब विधानसभा के एमएलए फ्लैट तक महफूज नहीं रहे हैं, वहां भी कोरोना ने अपने पैर पसार लिए हैं, जिसकी जिम्मेदार भी सरकार ही है। प्रकाश चौधरी ने कहा कि विधानसभा के आवासों को तमाम नियमों को तार-तार कर सब्लैट किया गया है।
उन्होंने आरोप जड़ा है कि प्रदेश को कोरोना मुक्त करने चली जयराम सरकार महामारी से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही है और अब प्रदेश के 8 जिलों के साथ साथ मुख्यमंत्री के गृह जिला में स्थिति विस्फोटक व भयावह होती जा रही है। सरकार के ही अपने आंकड़े बता रहे हैं कि छोटे से प्रदेश में कोरोना का कहर 2330 नागरिकों को अपनी चपेट में ले चुका है और अब रोजाना 100 से ज्यादा मामले निरंतर सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नजर नहीं आ रही है, जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के बावजूद अफसरशाही का ही बोलबाला है। अफसरशाही के चुंगुल में फंसे प्रदेश में मंहगाई व महामारी के कहर से जनता त्रस्त है, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि कोविड-19 को लेकर प्रदेश के नागरिक लापरवाह हो गए हैं।
यदि जनता के लापरवाह होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है तो उसकी जिम्मेदार भी प्रदेश सरकार ही है, क्योंकि आम आदमी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे भाजपा के नेताओं का अनुसरण कर रहे है, जो प्रदेश में खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए राजधानी से लेकर जिला दर जिला कोरोना संक्रमण फैलाते फिर रहे हैं। वहीं बीजेपी के अपने ही सांसद द्वारा सरकार पर आरोप लगाए हैं कि कोरोना काल में उनके ही जिले में भारी घपले-घोटाले हुए हैं, जिसकी लीपापोती में अब सरकार जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि यहां तक मंत्रिमंडल का रोल भी लोकतांत्रिक सरकार में पूरी तरह नदारद दिख रहा है। जिन मंत्रियों की ड्यूटी जिलों में कोरोना से निपटने के लिए लगी हुई है, वह मंत्री निष्क्रिय साबित होते हुए अपनी जान बचाए घरों में छुपे बैठे हैं, जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ओक ओवर में बैठ रिमोट से महामारी को नियंत्रण करने का दिखावा कर रहे हैं। कोरोना जैसी घातक महामारी की स्थिति को न संभाल पाने से प्रमाणित हो चुका है कि सरकार कोविड-19 को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
उन्होंनेे कहा कि अब सरकार ने कोरोना को भी कमाई का धंधा बनाने हेतु आम आदमी का खून चूसने के लिए मास्क न लगाने पर 8 दिन की जेल व 5 हजार जुर्माने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि क्या बीजेपी के लोग कोरोना मुक्त हैं, क्या उन पर कोरोना के प्रोटोकॉल का कोई कायदा-कानून लागू नहीं होता है और अगर होता है तो फिर अपने एमएलए व प्रवक्ता पर भी उन्हीं धाराओं के तहत मामले दर्ज किया जाएं, जिन धाराओं को आम आदमी पर लागू किया जा रहा है।

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