उज्जवल हिमाचल। मंडी
मंडी जिला के तहत निर्मित बीएसएनएल और कोलडैम पन विद्युत परियोजना लोगों को सही लाभ नहीं दे पा रही हैं। इन परियोजनाओं के प्रभाव को लेकर विधायक सुंदरनगर राकेश जंवाल द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान सदन में नियम 101 के तहत चर्चा की गई।
इस दौरान सदन में विधायक राकेश जंवाल द्वारा भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के बीएसएल प्रोजेक्ट की खाली पड़ी भूमि को जनहित्त में सरकार को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। इसके साथ बीएसएल प्रोजेक्ट से प्रभावित विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और विधायकों की बैठक बीबीएमबी प्रबंधन के साथ करवाने की मांग भी की गई है।
इसके साथ एनटीपीसी द्वारा निर्मित कोलडैम विद्युत परियोजना का जलभराव होने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में कई पैदल योग्य पुल,रास्ते और शमशान घाट पानी में समा गए। लेकिन आजतक इन समस्याओं को लेकर प्रबंधन द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया है।
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जानकारी देते हुए राकेश जंवाल ने कहा कि जब भी किसी परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होता है, तो परियोजना प्रबंधन और सरकार के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित होता है। लेकिन परियोजनाओं के निर्माण के बाद इससे पड़ने वाले सोशल इंपैक्ट के बारे में पता चलता है।
इन दोनों पन विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं से समाज पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चर्चा के दौरान प्रदेश सरकार से एक स्थाई नीति बनाने की मांग की है। राकेश जंवाल ने कहा कि विद्युत परियोजना के निर्माण को लेकर स्थाई नीति बनने से इससे आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखकर हस्ताक्षरित किए जाएं।
बता दें कि मंडी जिला में बीबीएमबी के 990 मेगावाट बीएसएल और एनटीपीसी द्वारा 800 मेगावाट क्षमता की कोलडैम पन विद्युत परियोजना का निर्माण किया है। इससे जहां इन परियोजनाओं द्वारा पन ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतरीन विद्युत उत्पादन क्षमता प्रदान की जा रही है।
लेकिन इन परियोजनाओं के निर्माण और सोशल इंपैक्ट के कारण प्रभावित लोगों को परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं। इन समस्याओं को लेकर विधायक सुंदरनगर एवं प्रदेश भाजपा महामंत्री राकेश जंवाल द्वारा सदन में नियम 101 के तहत चर्चा के दौरान प्रदेश सरकार से विद्युत परियोजनाओं के साथ एमओयू हस्ताक्षर करने के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग की है।