सेहत का ख्याल रखेगा प्रदेश का लाल आलू

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
विटामिन से भरपूर लाहुल घाटी में पैदा होने वाला लाल आलू सेहत का ख्याल भी रखेगा। वसा, कोलेस्ट्रोल मुक्त व कम मात्रा में सोडियम होने से संतुलित आहार में इसका कोई मुकाबला नहीं है। मक्खन जैसा स्वाद इसे और लजीज बनाता है। इसे भून कर खाएं या सब्जी व परांठा बनाकर, स्वाद लाजवाब है। इन्हीं खूबियों के चलते लाहुल-स्पीति जिले में बड़ी संख्या में किसान अब लाल आलू का उत्पादन करने लगे हैं।

संताना से चिप्स व बीज बनता है, यह खाने में स्वादिष्ट नहीं होता है। लाल आलू को पांगी आलू भी बोलते हैं। इसका बीज कहां से आया, इसको लेकर विभिन्न मत हैं। कुछ लोग रहते हैं कि चंबा जिले के पांगी से इसका बीज लाया गया था। धीरे-धीरे किसानों ने इसका उत्पादन करना शुरू कर दिया। कुछ लोग इसे कुफरी लालिमा की किस्म बताते हैं। आलू की दूसरी किस्मों के मुकाबले इसका छिलका पतला होता है। इसे छिलके के साथ खाया जाता है। छिलके में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत करता है। वसा व कार्बोहाइड्रेट फ्री होने के साथ कम मात्रा में सोडियम होने से हृदय रोगी भी लाल आलू का सेवन कर सकते हैं। इसमें बड़ी मात्रा में विटामिन सी होती है जोकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है। विटामिन बी6, कॉपर, पोटाशियम व मैग्निशियम भी पाया जाता है।