जिद्द, जज्बे व जुनून से मनिंदरजीत कौर ने की आईएएस परीक्षा पास

BARNALA

अखिलेश बंसल। बरनाला

किसी भी इंसान के अंदर जब किसी मुकाम को हासिल करने के लिए जिद हो, जज्बा हो व जुनून हो तो वह अपनी मंज़िल तक जरूर पहुंचता है। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गांव में रहकर आनलाईन पढ़ाई कर जिला बरनाला के गांव शैहना की बेटी मनिंदरजीत कौर गिल ने यूपीएससी (सिवल सर्विसिज) की परीक्षा में 246वां रैंक हासिल किया है। उल्लेखनीय है कि मनिंदरजीत कौर इस समय बठिंडा सिविल प्रशासन में एसिस्टेंट कमिश्नर के पद पर सेवाएं निभा रही है और अब उसके डिप्टी कमिशनर बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। जिसको लेकर उसके अपने गांव में ही नहीं बल्कि बठिंडा सचिवालय में भी ख़ुशी का माहौल है।

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  • लक्ष्य की आपूर्ति की चाह ने नहीं होने दी थकावट

आईएएस पास करने के लिए मनिंदरजीत ने परीक्षा की सारी पढ़ाई आन-लाईन के द्वारा गांव के घर बैठकर की। इस मुकाम को हासिल करने के लिए वह दिन में औसतन 9 से 10 घंटे लगातार पढ़ती थी। मन में आईएएस बनने का जुनून था, लक्ष्य की आपूर्ति की चाह ने पढ़ने में थकावट महसूस नहीं होने दी। गौरतलब हो कि मनिंदरजीत कौर की सकूलिंग कस्बा भदौड़ के बीजीएस स्कूल में 12वीं कक्षा तक हुई। उसके बाद इंजीनियरिंग के लिए आईटी, जेई एंट्रेंस टैस्ट के द्वारा इंडियन स्कूल आफ माईनज झारखंड में दाखि़ला हुआ, जिसे बेहतरीन गरेड प्राप्त कर साल 2015 में पास किया। एक साल मुंबई में बतौर सॉफ्टवेयर एंड डेवेल्पर की नौकरी भी की। एक साल के बाद साल 2016 में अस्तीफा देकर 2017 में आईएएस परीक्षा के लिए पहला टैस्ट दिया।

  • किसान परिवार के साथ संबंधित है मनिंदरजीत कौर गिल

मनिंदरजीत कौर के पिता जरनैल सिंह किसान परिवार के साथ संबंधित हैं और माता बेअंत कौर सेहत विभाग में ब्लॉक शैहना के गांव मौड़-नाभा में सेवाएं निभा रही हैं। पीसीएस से आईएएस की उपलब्धि हासिल करने वाली मनिंदरजीत गांव शैहना की पहली होनहार बेटी है। जिसको लेकर कस्बा के अंदर दीवाली जैसा माहौल है। विशेष बात यह है कि मनिंदरजीत कौर गिल, अपने गांव के बाबा हीरा सिंह एकता स्पोर्टस क्लब और बाल भलाई समिति की बतौर सदस्य सेवाएं निभाती आ रही है। जिसने भविष्य में भी अपनी, सेवाएं जारी रखने के लिए कस्बावासियों के साथ वादा किया है।

  • ज्वांयट फैमिली के कारण चाचाओं व ताऊओं का मिल रहा प्यार

पूरे परिवार का एक आंगन में रहने का कल्चर खासकर पंजाब प्रांत का रहा है, जो कि बाहरी प्रांतों में नहीं था। परन्तु तेजी से बदल रहे समय के हालात ने परिवारों को दूर-दूर कर दिया है। सनद रहे मनिंदरजीत कौर गिल के पिता के तीन अन्य भाई भी हैं और सारा परिवार शुरु से ही रइक-ा (ज्वांयट) रहता है। अगर मनिंदरजीत को बचपन में अपनी कोई मांग पूरी करवानी होती तो वह माता-पिता की बजाय चाचाओं व ताउंओं के पास पहुंच जाया करती और वे भी बड़े बुजुर्गों की भान्ति अपनी लाडली मनिंदरजीत की इच्छा आगे बढक़र पूरी करते। जैसे ही मनिन्दर कौर द्वारा आईएएस परीक्षा के पास करने की सूचना गांव पहुंची तो सारा परिवार इक हो गया।

  • कोरोना महांमारी की ड्यूटी ने दिया अमुल्य तजर्बा

मनिंदरजीत कौर गिल का कहना है कि उसका प्रशिक्षण गत जनवरी में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में ही कोरोना महामारी में जो काम करने का मौका मिला, उससे मानवता की सेवा करने का बड़ा अनुभव हासिल हुआ है। डिजास्टर मैनेजमैंट में काफी लिमिटेशन होती हैं, परन्तु ऐसे हालातों में लोगों की उम्मीदों प उतर खरे उतरना, जिला की हेल्पलाईन को मैनेज करना, रिसोर्सिस को हैंडल करना, रोजमर्रा के डेटा की रिपोर्टिंग आदि करना कार्य बड़ी जिम्मेवारियां थी, परन्तु जब जमीन पर उतर कर काम किया तो ख़ुद का जीवन पारस बनता महसूस किया।

  • बचपन का ड्रीम था जो अब पूरा हुआ

मनिंदरजीत कौर गिल का कहना है कि बचपन से ही उसका ड्रीम सिविल सर्विसिस अधिकारी बनने का रहा है, वह ड्रीम पूरा होने जा रहा है। आईएएस परीक्षा पास करने के लिए चार साल संघर्ष किया है। जिसमें माता-पिता व बजुर्गों का पूरा अचूक सहयोग रहा। दो बार एग्जाम कलियर नहीं होने के बाद भी परिवार ने पूरा स्पोर्ट किया। मुझे गर्व है कि मैं अपने परिवार की बेटी हूं। उन्हें और गांव की सरजमीं ने मुझसे जो भी आशाएं रखी हैं उन्हें पूरा करने में पीछे नहीं हटूंगी।

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  • लड़कियों को एजूकेट करने से फल मिलता है दोगुनाः मनिंदरजीत कौर

देश के अंदर लड़कियों के प्रति परिवारों और समाज का नज़रिया अलग-अलग है। मनिंदरजीत कौर ने समाज के प्रतिनिधियों से अपील की है कि यदि समाज अपनी, बेटियों को घरों की चार दीवारी में बांध कर रखने की जगह पर कुछ करने के लिए मौका दे तो लड़कियाँ बहुत कुछ साबित कर सकतीं हैं। लड़कियों को एजूकेट करने से दोगुना फल मिलता है। विवाह-शादियों पर खर्च करने की परवाह किए बिना लड़कियों की शिक्षा की ओर अधिक से अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही लड़कियों से भी अपील की है कि वह शिक्षा को अपना टूल बनाऐ, जिससे ख़ुद को शक्तिशाली बना सकें। शिक्षित लड़कियों के साथ परिवारों की वेल्यू बढ़ सकेगी।

  • मनिंदरजीत कौर को मिलेगा ’बेटी गांव की’ अवार्ड

गांव शैहना की सरपंच मलकीत कौर का कहना है कि कस्बा की बेटियां शैहना का सम्मान बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। पहले कस्बा की अमनजोत कौर ने 12वीं क्लास की परीक्षा पास कर जिलाभर में पहला स्थान और सहेल बावा ने तीसरा स्थान हासिल किया है। अब गांव की होनहार बेटी मनिंदरजीत कौर गिल ने आईएएस बनकर गांव का कद बढ़ाया है। कांग्रेसी नेता सुखविंदर सिंह कलकत्ता का कहना है कि मनिंदरजीत कौर के शैहना पहुंचने पर उसको’बेटी गांव की’अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर कस्बा शैहना के समूह स्पोर्टस क्लबों, समाज सेवीं संस्थाओं के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। मनिंदरजीत कौर गिल की उपलब्धि से कस्बा का नाम पूरे देश के अंदर चमका है।