एनपीएसईए विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन का किया समर्थन

उज्जवल हिमाचल। नादौन

रविवार को हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के केन्द्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक हुई जिसमें पुरानी पैंशन बहाली की मांग को लेकर एनपीएसईए द्वारा 11 दिसम्बर को धर्मशाला में विधानसभा के बाहर आयोजित किए जा रहे विशाल धरना प्रदर्शन का पुरजोर समर्थन किया गया और निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन प्रदेश भर से हजारों कर्मचारियों के साथ धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे क्योंकि विद्युत बोर्ड लिमिटिड का अधिकतर कर्मचारी भी एनपीएस के दायरे में आता है। यह बात हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने जारी एक प्रैस व्यान में कही। उन्होंने कहा कि न्यू पैंशन स्कीम कर्मचारियों के साथ एक भद्दा मज़ाक है।

उन्होने कहा कि देश के प्रधानमन्त्री एक देश एक कानून, एक देश एक आधार कार्ड, एक देश एक राशन कार्ड, एक देश एक विधान की बात करते हैं लेकिन देश का कर्मचारी एक पैंशन एक कानून की बात भी प्रधानमन्त्री महोदय से सुनने का इन्तजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर देश में सांसद और विधायक शपथ लेने के बाद पैंशन के हकदार बन जाते हैं तो कर्मचारी क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि पुरानी पैंशन कर्मचारियों का अधिकार है और उनको मिलना चाहिए। खरवाड़ा ने कहा कि बैठक में प्रस्तावित बिजली संशोधन विद्येयक 2021 का विरोध करते हुए नैशनल कॉर्डिनेशन कमेटी ऑफ ईम्पलाईज़ एण्ड इंजीनियर्स के आह्वान पर 8 दिसम्बर 2021 को बोर्ड मुख्यालय शिमला पर प्रदर्शन करके देश के प्रधानमन्त्री को बिजली संशोधन विद्येयक 2021 को रद्द करने के लिए ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया गया और नैशनल कॉर्डिनेशन कमेटी ऑफ ईम्पलाईज़ एण्ड इंजीनियर्स के आह्वान पर पूरे देश में 01 फरवरी 2022 को देश भर में बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं द्वारा की जा रही एक दिन की हड़ताल के समर्थन में हिमाचल प्रदेश में भी प्रदेश भर में मण्डल व वृत कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन व बाजारों में रैलियाँ निकालने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन विद्येयक 2021 जहां बिजली कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है वहीं घरेलू व कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं के हितों के साथ भी खिलवाड़ है और बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाला है। खरवाड़ा ने कहा कि बैठक में कर्मचारियों के लम्बे समय से लम्बित चली आ रही मांगों का सामधान न हो पाने से विद्युत बोर्ड लिमिटिड के प्रबन्धक वर्ग को 21 दिन का नोटिस देने का निर्णय लिया गया है। समय रहते कर्मचारियों की समस्याओं का आपसी बातचीत के माध्यम से समाधान नहीं किया गया तो यूनियन प्रदेश स्तर पर आन्दोलन चलाने से गुरेज नहीं करेगी। खरवाड़ा ने नई भर्ती प्रक्रिया को अतिशीघ्र शुरू करनेए आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाने, करूणामूलक आधार पर लम्बित पड़े सभी मामलो का एकमुशत समाधान करने की भी मांग की है।