51 दिन तक चलेगी स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने की स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा की उच्च स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता 

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां आयोजित स्वर्णिम हिमाचल समारोह और स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा की तैयारी से संबंधित उच्च स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्णिम हिमाचल समारोह का आयोजन वर्षभर धूमधाम से किया जाएगा, जो प्रदेश के पिछले 50 वर्षों की शानदार विकास यात्रा को प्रदर्शित करेगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस पूरे आयोजन को दो भागों में विभाजित किया गया है। पहले कार्यक्रम में स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा होगी, जो इस वर्ष 15 अप्रैल से आरम्भ होगी और 51 दिन तक चलेगी। दूसरे कार्यक्रम के अंतर्गत स्वर्णिम हिमाचल उत्सव मनाया जाएगा जिसके अंतर्गत वर्षभर प्रदेश के विभिन्न भागों में कई विभागों द्वारा 51 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के गौरवशाली इतिहास के बार में युवाओं को शिक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विद्यालयों और महाविद्यालयों स्तर पर भाषण, प्रश्नोत्तरी, निबन्ध लेखन, चित्रकला प्रतियोगिताएं, नाट्क इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शिक्षा विभाग को इस दिशा में विशेष प्रयास करने चाहिए ताकि युवा पीढ़ी प्रदेश के समृद्ध इतिहास और अतीत पर गर्व कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे आयोजन का लिखित प्रमाण सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह सबसे महत्त्वपूर्ण दस्तावेज बन जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्थानीय कलाकारों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। गैर सरकारी संगठनों, महिला मंडलों, युवक मंडलों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों आदि को सम्मिलित कर मीडिया का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा प्रत्येक हिमाचली के साथ संपर्क स्थापित करने का एक व्यापक माध्यम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि राज्य के विकास और प्रगति में प्रत्येक प्रदेशवासी ने अपना योगदान दिया है। प्रदेश की इस विकास यात्रा में प्रत्येक किसान, इंजीनियर, सैनिक, शिक्षक, चिकित्सक और आम जनता ने अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को रस्मी तौर पर न मनाकर इसे राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के साथ संपर्क की भावना से मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाले राज्य के लोगों को सम्मानित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय उपलब्धियों और जिला स्तर के आंकड़ों को दर्शाती अलग-अलग पुस्तिकाएं तैयार की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण स्थानों पर पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करते होर्डिंग्ज स्थापित किए जाने चाहिए। पर्याप्त प्रचार सामग्री तैयार कर प्रदेश के लोगों को उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। सचिव सामान्य प्रशासन देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्यों का स्वागत करते हुए राज्य के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान वर्षभर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को विभिन्न विभागों से वर्षभर चलने वाले स्वर्णिम हिमाचल समारोह के दौरान 67 कार्यक्रम आयोजित करने के आग्रह प्राप्त हुए हैं। निदेशक ग्रामीण विकास और स्वर्णिम रथ यात्रा के संयोजक अरिंदम चैधरी ने कहा कि इस रथ यात्रा के माध्यम से लगभग 25 लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। निदेशक पर्यटन यूनुस ने कहा कि इस माह के अंत तक रथ तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रथ में सभी आवश्यक प्रचार सामग्री जैसे फोल्डर, पम्फलेट्स आदि रखे जाएंगे जिन्हें राज्य के लोगों को वितरित किया जाएगा। निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप ने कहा कि प्रापण कार्यकारी उप समिति ने रथों की खरीद के लिए चार बैठकें की हैं। उन्होंने कहा कि सभी रथों में एलईडी स्क्रीन और एक एंकर के साथ एक सहायक स्टाफ तैनात होगा। निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन ने कहा कि रथ यात्रा का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त रथ यात्रा से सम्बन्धित सामग्री तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित की जाएगी। इस अवसर पर समिति के सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

उन्होंने विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों, प्रजा मण्डल व पझौता आन्दोलन कार्यकर्ताओं की याद में स्मारक बनाने का सुझाव दिया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चैधरी, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, ऊर्जा मंत्री सुखराम चैधरी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजिन्द्र गर्ग, विधायक राकेश जम्वाल, राकेश सिंघा और होशियार सिंह, छठें वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, हिमुडा के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा, पूर्व विधायक और आईईसी समिति के अध्यक्ष रणधीर शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, राज्य लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरआर वर्मा, राज्य भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्षा रश्मिधर सूद, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार, प्रबोध सक्सेना और जेसी शर्मा, प्रधान सचिव केके पंत और रजनीश, सचिव सन्दीप भटनागर, अमिताभ अवस्थी, राजीव शर्मा, विशेष सचिव आबिद हुसैन सादिक, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, प्रधान मुख्य वन आरण्यपाल डाॅ. सविता, निदेशक भाषा कला एवं संस्कृति सुनील शर्मा, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के प्रबन्ध निदेशक आरके शर्मा, इंजीनियर-इन-चीफ जल शक्ति विभाग नवीन पुरी बैठक में उपस्थित थे, जबकि समस्त उपायुक्त अपने-अपने जिलों से वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।