जोगिंद्रनगर के डी.ए.वी. स्कूल में शिक्षक दिवस की धूम

जटिन लटावा। जोगिंद्रनगर

दिया ज्ञान का भण्डार हमें,
किया भविष्य के लिए तैयार हमें
हैं आभारी उन गुरुओं के हम,
जो किया कृतज्ञ अपार हमें

गुरु, शिक्षक, अध्यापक, आचार्य या टीचर ये सभी शब्द उस व्यक्ति का वर्णन करते हैं जो सभी को ज्ञान देते हैं, शिक्षित करते हैं। इन शिक्षकों को सम्मानित करने और धन्यवाद देने के लिए एक दिन निर्धारित किया गया है, जिसे ’शिक्षक दिवस’ के रूप में जाना जाता है। डी०ए०वी० पब्लिक स्कूल जोगिंद्रनगर में भी शिक्षक दिवस को धूमधाम, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। नर्सरी से नौवीं कक्षा के बच्चों ने शिक्षक पर आधारित कविता, भाषण और नृत्य आदि गतिविधियों में भाग लिया, और छात्रों ने अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए स्कूल में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए। नौवीं कक्षा के छात्र/ छात्राओं ने शिक्षकों के लिए अपनी प्रशंसा दिखाने के लिए जूनियर कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली।

आयोजन की शुरुआत स्वागत गीत से की गई इस अवसर पर छात्रों ने शिक्षकों की सराहना करते हुए और उन्हें शुभकामनाएं और उपहार देकर सम्मानित किया। शिक्षक दिवस पर बच्चों ने अध्यापकों के लिए अनेक गतिविधियों का आयोजन किया अध्यापकों से रुचिकर गतिविधियां करवाई, अध्यापकों के लिए कुर्सी दौड़ का आयोजन किया जिसमें शारीरिक शिक्षक बलदेव जी विजेता रहे द्य बच्चों ने अनेक गानों में नृत्य किया और समूह गान गाया द्य बच्चों ने कहा कि हर किसी के जीवन में शिक्षक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण और खास होती है। एक शिक्षक बच्चे को एक सफल और बेहतर इंसान बनाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस अवसर पर प्रधानाचार्य श्री संजय ठाकुर जी ने अध्यापकगण व बच्चों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में समाज में शिक्षकों द्वारा किए गए योगदान को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस एक ऐसा आयोजन है जिसके लिए छात्र और शिक्षक समान रूप से तत्पर रहते हैं। छात्रों के लिए शिक्षक दिवस महत्वपूर्ण है द्यआम कहावत है, एक देश का भविष्य बच्चों और शिक्षकों के हाथों में होता है, संरक्षक के रूप में, छात्रों को भविष्य के नेताओं में ढाला जा सकता है जो भारत के भाग्य को आकार देते हैं। कैरियर और व्यवसाय में सफल होने के लिए वे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें एक अच्छा इंसान, समाज का बेहतर सदस्य और देश का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करते हैं।

प्रधानाचार्य जी ने कहा शिक्षक छात्रों के भविष्य का पोषण करते हैं और उन्हें तैयार करते हैं क्योंकि वे ज्ञान के वास्तविक प्रतीक हैं। वे छात्रों और आम लोगों में जागरूकता पैदा करते हैं। वे दुनिया में प्रकाश का स्रोत हैं जिन्हें अज्ञानता के कारण काला कर दिया गया है। हमारे शिक्षक हमारी सफलता के सच्चे आधार हैं। वे हमें ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं, हमारे कौशल में सुधार करते हैं, आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और साथ ही वे हमें सफलता का सही रास्ता चुनने में मदद करते हैं। प्रधानाचार्य श्री संजय ठाकुर जी ने कहा कि अध्यापन शिक्षक का प्रथम एवं सर्वोपरि कर्तव्य है। शिक्षक को नियमित रूप से अपना पाठ तैयार करना चाहिए। उसे विद्यार्थियों को प्रेरित करना चाहिए और छात्रों के विशेष समूह के लिए उपयुक्त शिक्षण की विधियों और तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। उसे हमेशा अपने शिक्षण कौशल में सुधार करने का प्रयास करना चाहिए।

शिक्षक की भूमिका ज्ञान के प्रसारक के बजाय बच्चों को ज्ञान सृजन कराने वाले उत्प्रेरक के रूप में बदल गयी है। विद्यार्थियों को अधिगम की विविध स्थितियाँ उपलब्ध कराये। यह सुनिश्चित करें कि हर बच्चा अधिगम प्रक्रिया में संलिप्त है। विद्यार्थियों को सहभागिता तथा एक दूसरे से सीखने, वाद-विवाद के लिए प्रोत्साहित करें। अंत में उन्होंने डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति की ओर से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा

बंदउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।
महामोह तम पुंज जासु बचन रबिकर निकर।।

अर्थात् गुरू मनुष्य रूप में नारायण ही हैं। मैं उनके चरण कमलों की वन्दना करता हूँ। जैसे सूर्य के निकलने पर अन्धेरा नष्ट हो जाता है, वैसे ही उनके वचनों से मोहरूपी अन्धकार का नाश हो जाता है।
।जजंबीउमदजे ंतम।ं