सुक्खू सरकार के लिए OPS का मुद्दा बना टेढ़ी खीर: घनश्याम शर्मा

The issue of OPS has become a crooked pudding for the Sukhu government: Ghanshyam Sharma

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य एवं भारतीय राज्य पैंशनरज महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि आज लगभग सरकार को बने दो महीने बीत चुके हैं परन्तु वह अपनी एक भी गारंटी लागू नहीं कर पाई। कांग्रेस ने कहा था कि वह सता में आते ही दस दिन में अपनी पहली कैबिनेट में ओपीएस लागू करेगी, परन्तु एक महीने के बाद हुई कैबिनेट में लिए ओपीएस के फैसले को भी सरकार लागू नहीं करवा पाई। नतीजतन कर्मचारियों के जनवरी के वेतन से सरकार द्वारा न्यू पेंशन स्कीम का शेयर काट लिया जो सरकार केंद्र से कर्मचारियों का एनपीए का पैसा वापिस लाने की बात कर रही थी, वहीं सरकार फिर से कर्मचारियों और सरकार का हिस्सा केंद्र सरकार से सम्बंधित प्राधिकरण में जमा करने की प्रक्रिया पर काम कर रही है।

समस्त विभाग जनवरी का वेतन बनाने से पहले सरकार के अगले आदेशों का इंतजार करते रहे अंततः जब स्थिति साफ नहीं हुई तो फिर पुराने पैटर्न पर ही एनपीएस की कटौती कर ली। कांग्रेस को सत्ता में लाने बाला मुख्य मुद्दा ओपीएस लागू करना सरकार के लिए अब टेडी खीर बन गया है। मुख्य सचिव ओपीएस लागू होने से पहले ही कह चुके थे कि सरकार के पास इसे लागू करने के लिए ए और बी दोनों प्लान है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने लोहड़ी पर्व पर राज्य के कर्मचारियों को ओपीएस का तोहफा देने का एलान किया था।

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घनश्याम शर्मा ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने ओपीएस उसी दिन से लागू होने की बात कर तुरंत अधिसूचना जारी करने की बात की, लेकिन इसके बाद महज एक संक्षिप्त ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर इसे लागू करने की बात की गई जो कर्मचारियों के साथ धोखा है। घनश्याम शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के फार्मूले को आधार बनाकर हिमाचल ने अपना फार्मूला बनाने की बात कही थी। जो कि कैबिनेट की बैठक के तीन सप्ताह बीत जाने पर अभी तक सार्वजनिक नहीं हो पाया है।

छत्तीसगढ़ में सरकार ने ओपीएस लागू करने के लिए विस्तृत अधिसूचना जारी की है उसी तरह की अधिसूचना हिमाचल प्रदेश सरकार का वित्त विभाग अभी तक नहीं निकाल पाया है। ऐसे में ओपीएस की उम्मीद लगाए बैठे कर्मचारी असमंजस में है। ऐसे में इस अप्रैल तक भी ओपीएस का लाभ मिलना संभव नहीं लग रहा है।

संवाददाताः गौरव कौंडल

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