जब सरकार ने नहीं बढ़ाए हाथ, ताे ग्रामीणाें ने खुद कर दिया 3 किलाेमीटर कच्ची सड़क का निर्माण

शुभम शर्मा। रक्कड़

जहांं सरकारें प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्राें को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पक्की सड़क सुविधा मुहैया करवाने के बडे़-बडे़ दावे करती है, लेकिन जिला कागंड़ा के अंतर्गत गांव थाना बग्रां (थेडू) आदि अन्य तमाम में काला पानी जैसी जिंदगी बसर करने वाले सैकडों परिवारों को आजादी के बाद आज तक जहां हिमाचल की कोई भी सरकार छोटी गाड़ी योग्य सड़क तो दूर ठीक से पैदल चलने वाला रास्ता तक भी नहीं बना सकी, जिसे अब स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी मलकीयती उपजाऊ भूमि दान देकर खुद अपने खर्चे से करीब तीन किलोमीटर कच्ची सड़क का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवाया है।

यहां तक कि इस सड़क निर्माण कार्य में क्षेत्रभर के युवा तो युवा बुजुर्ग भी श्रमदान में अपनी ड्यूटी देने हेतू जुटे हुए हैं, यह प्रदेश भर में किसी मसाल से कम नहीं है। गौरतलब रहे चंगर क्षेत्र मे गांव थाना बग्रां (थेडू) यह ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कोई भी बुजुर्ग या महिला अचानक बीमार हो जाए, तो उसे आज भी चारपाइ पर लिटाकर करीब तीन किलोमीटर दूर पक्की सड़क तक कंधाें पर उठाकर लाना पड़ता है।

लिहाजा गांव की ऐसी नाजुक स्थिति को देखते हुए दर्जनों परिवार अपनी मलकीयती उपजाऊ भूमि छोड़कर दूसरे क्षेत्राें में जाकर बस चुके हैं, अब जो स्थानीय ग्रामीण यहां पर हैं। उन्होंने जेसीबी मशीन लगाकर घर तक कच्ची सड़क निकालने का कार्य अपने जेबी खर्चे से शुरू करवा दिया है, लेकिन अगर अब हिमाचल सरकार इस कच्ची सड़क को पक्का करने का बीड़ा उठाती है, तो उक्त ग्रामीणों को आजादी के बाद नया सूरज देखने को मिल सकता है।सड़क के लिए इन्हाेंने दी भूमि दान
विद्या देवी स्व. शेर सिंह, सोनू पुत्र स्व. शेर सिंह टीका भाटी, पूर्ण चंद, कमला देवी स्व. मेहर सिंह, विनोद कुमार एवं दिनेश कुमार पुत्र स्व. मेहर सिंह इन्होंने भी अपनी निजी भूमि रोड के लिए दान की। सत्य देवी पत्नी स्व. मिल्खी राम त्रिलोक चंद, डॉ चौधरी रमेश चंद एवं इनकी छोटे भाइयों, मदन लाल, सुरजीत, तिलक राज, बाबूराम, मनोहर लाल, ब्यासां देवी, रविंदर, सतीश कुमार, चमन लाल, जनक राज, बाबू, मनोहर लाल, मदन लाल, अजीत, तिलक राज, त्रिलोक चंद, नरेश व बादल कुमार आदि ने अपनी मलकीयती उपजाऊ भूमि दान देकर मिसाल कायम की है।