हिमाचल : अंधाधुंध चलानों से तंग आकर लोगों ने किया चक्का जाम

रवि ठाकुर । हमीरपुर

 

अंधाधुंध हो रहे चालानो से हमीरपुर शहर के लोगों में भारी रोष व्याप्त है, और स्थानीय व्यापारियों व आम जनता ने इस से तंग आकर आज डांकवाली चौक पर जाम लगा दिया। लोगों का कहना है कि जिस तरह से हमीरपुर शहर में चालान हो रहे हैं, ऐसा शायद ही कही हो रहा हो, यहां तक कि अब हमीरपुर शहर को चालान कैपिटल ऑफ हिमाचल भी कहा जाने लगा है। एक ही गाड़ी के दो -दो, तीन- तीन बार चालान अक्सर देखने को मिल रहे हैं। लोगों का रोष इस बात से भी है कि पुलिस वाले मोहल्लों की गलियों में भी आकर चालान कर रही हैं। लोगों का कहना है कि उनकी स्कूटी के नंबर पर कार के चालान उनके घर पहुंच जाते हैं और जब पुलिस से इसके बारे में पूछा जाता है तो कोई भी जवाब नहीं मिलता है।

कई स्थानीय लोगों ने कहा है कि जब वह अपने घर से बाहर भी कहीं अपने वाहन निकालते हैं तो कहीं वनवे का नाम पर तो कभी टाइमिंग के नाम पर उनको तंग किया जाता है। जब उनसे सवाल किया जाता है कि यदि एमरजेंसी में लोगों को बाहर निकालना हो तो वह क्या करें, इस पर पुलिस उन पर मिस बिहेव का केस भी बनाती है। और इस सब के बाद जब व्यक्ति अपना चालान होने के बाद उसे जमा करवाने पुलिस ऑफिस जाता है तो उसे सिस्टम खराब होने की बात बोल के किसी लोकमित्र केंद्र में जा के भरने को बोला जाता है, जहां पर उससे 30-50 रुपए अतिरिक्त लिए जाते हैं। लोगों को सबसे ज्यादा समस्या तब आती है जब उनके नंबरी चालान का सम्मन उनके घर आ जाता है, जिसकी उनको जानकारी तक नही होती, और उसके साथ इल्जाम ये भी होता है कि वो रोकने पर नहीं रुका।

 


जब न्यायालय में किसी आम आदमी को इसका विरोध करना हो तो उसको माननीय न्यायालय से पहले जमानत लेनी पड़ती हैं फिर महीनों उस मुकदमे को लड़ना पड़ता है। जितने का उसका चालान नही होता उससे कई गुणा न्यायिक प्रक्रिया में उसका खर्च होने के डर से आम आदमी इलजाम को स्वीकार कर लेता है। अंधाधुंध हो रहे चालानों का आलम ये है कि पिछले कल ही 2500 से अधिक चालानों को हमीरपुर के विभिन्न कोर्टों से ट्रैफिक मजिस्ट्रेट के पास ट्रांसफर करना पड़ा।