भारी बारिश से प्रदेश में ‘त्राहिमाम’

उज्जवल हिमाचल। शिमला

प्रदेश में शुक्रवार रात और शनिवार सुबह हुई भारी बारिश ने हर जगह तबाही मचा दी। बारिश के कारण जगह-जगह बादल फटने, बाढ़ आने और भू-स्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। इन दुर्घटनाओं में एक ही दिन में कुल 21 मौतें हुई हैं।

वहीं, आठ लोग घायल हुए हैं। प्रदेश के मंडी, कांगड़ा और चंबा जिला में सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान हआ हैं। उधर, मंडी जिला में कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया है कि 13 लोगों को जानें चली गई हैं, जबकि छह लोग अभी लापता हैं।

यहां भारी बारिश के कारण दो बड़े हादसे सामने आए जिसमे नाचन के काशण गांव में एक मकान के मलबे में दबने से पूरा परिवार दफन हो गया है, जबकि द्रंग विस बागी नाले में आई बाढ़ के कारण संदोआ गांव में सतार मोहम्मद के परिवार के छह सदस्यों सहित सात लोग लापता हुए हैं।

इसमें सतार मोहम्मद की बेटियों के शव बरामद हो गए हैं। वहीं, ज्वालापुर से औट मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण दो युवकों की मौत हुई है। हणोगी के पास गांव डुंगर में सुसराला आया लाल दास पुत्र प्रीतम चंद गांव गैणी खैड़ानाल भी लापता है।

वहीं, चंबा जिले की बात की जाए तो भटियात क्षेत्र की बनेट पंचायत के जुलाड़ा वार्ड नंबर एक में बारिश ने तबाही मचाई है। यहां देर रात मलबे में दब जाने से पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई। डीएसपी विशाल वर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों के हवाले की दिया जाएगा। कांगड़ा जिला की शाहपुर तहसील के कुठैड़ गांव में एक घर बाढ़ की चपेट में आ गया था। यहां पर भी एक व्यक्ति की जान चली गई।

इसके अलावा कांगड़ा जिला के ही गगल खास गांव में एक घर बाढ़ की चपेट में आया हैं। इस हादसे में भी एक व्यक्ति की मौत हुई हैं। वहीं, शिमला जिला के ठियोग में एक कार पर पत्थर गिरने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई हैं, जबकि दो लोग बुरी तरह से घायल हैं। घायलों को उपचार के लिए ठियोग अस्पताल में भर्ती किया गया हैं।

पुलिस से जानकारी के अनुसार यह सभी लोग यूपी के रहने वाले थे। इसके अलावा ऊना और कुल्लू जिला में भी एक-एक मौत की सूचना है। ऊना में यह मौत रोड एक्सीडेंट में हैं। उधर, सिरमौर जिला में सडक़ हादसों में 12 लोगों के घायल होने की सूचना भी है। वहीं, इन मौतों के साथ प्रदेश में मानूसन से मौत का आंकड़ा 236 पहुंच गया है।

  • करोड़ों का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण हुई दुर्घटनाओं में अब तक 1214 करोड़ रुपए का विभागीय नुकसान हुआ हैं। पीडब्ल्यूडी को 7000 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है। वहीं, 483 करोड़ रुपए का नुकसान आईपीएच विभाग को हुआ है।

  • अंग्रेजों के जमाने का पुल बहा

कांगड़ा जिला में भारी बारिश से चक्की नदी में बना पंजाब और हिमाचल को जोडऩे वाला रेलवे पुल बह गया। हालांकि, इस पुल को एक हफ्ते पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था और अगस्त के पहले हफ्ते में ही बंद कर दिया था। यह पुल अंग्रेजों के जमाने में 1929 में बना था।

  • रोकी गई मणिमहेश यात्रा

चंबा। भारी बारिश का असर ऐतिहासिक और पवित्र मणिमहेश यात्रा पर भी पड़ा। उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने कहा है कि बारिश व खराब मौसम के चलते फिलहाल मणिमहेश यात्रा को आगामी दो दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बारिश से बिगडे हालातों के बीच मणिमहेश की ओर यात्रा करना सुरक्षित नहीं है। उपायुक्त ने श्रद्धालुओं से प्रशासन के साथ सहयोग कि अपील करते हुए कहा कि वे आगामी आदेशों तक इंतजार करें। वहीं, भारी बारिश को देखते हुए चंबा, मंडी के बाद कांगड़ा और कुल्लू जिले में भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।